उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड को लेकर लगातार हो रही मीडिया रिपोर्टिंग अब शासन के लिए मुसीबत बन गई है. शासन ने मृतक कमलेश तिवारी के घर के बाहर सुरक्षा सख्त कर दी है. किसी भी मीडियावाले को उनके घरवालों की तस्वीर लेने और वीडियो बनाने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात और महाराष्ट्र के बाद अब कर्नाटक से एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है. तिवारी की हत्या में यह पांचवीं गिरफ्तारी है, हालांकि मुख्य आरोपी और दोनों शार्प शूटर शेख अशफाक और पठान मोइनुद्दीन अभी भी पुलिस की गिरफ्तारी से दूर हैं.
18 अक्टूबर की दोपहर में कमलेश दिवारी की उसके घर में घुसकर आरोपियों ने हत्या कर दी थी और होटल, मोबाइल स्टोर आदि जगहों पर अपनी वास्तविक पहचान भी छोड़ते गए लेकिन हत्या के चार दिन भी यूपी पुलिस को उनकी गिरफ्तारी नहीं कर सकी. पुलिस की कई टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई इलाकों में छापेमारी कर रही हैं और संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर रही हैं.
इससे पहले सूरत से गिरफ्तार तीन साजिश कर्ताओं में यूपी पुलिस एसटीएफ ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. खुफिया एजेन्सियों को इस बात के भी पुख्ता सुबूत मिले हैं कि हत्यारों ने पहले कमलेश तिवारी को सूरत में ही मारने का प्लान बनाया था. 18 अक्तूबर को हत्या से करीब 15 दिन पहले सूरत में साजिशकर्ताओं ने अंतिम बैठक की थी जिसमें कमलेश तिवारी को किसी बहाने से सूरत बुलाने को कहा गया था. फिर सूरत में ही उनकी हत्या करने की साजिश थी लेकिन बाद में प्लान बदल दिया गया.
आरोपियों शुरुआती पूछताछ में पुलिस को कुछ भी साफ नहीं बता रहे थे. पहले वह हर सवाल का गोलमोल जवाब देते यह खुद को साजिश से अलग बताते. लेकिन पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की और कॉल रिकॉर्डिंग व लोकेशन ट्रेस कर उनके सामने रखा तो आरोपियों के झूठ से पर्दा उठ गया. इसके बाद उन्होंने कई बातें पुलिस को बताईं.
कमलेश तिवारी हत्याकांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जांच में हत्यारे शेख अशफाक हुसैन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल, शेख अशफाक हुसैन ने फेसबुक पर अपना असली अकाउंट बंद कर फर्जी अकाउंट बनाया. यह फर्जी अकाउंट उसने अपने एक दोस्त की फेसबुक आईडी चोरी कर बनाया था.