राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि राज्यपाल का निर्णय देर से आया है। बता दें कि महाराष्‍ट्र के 59 वर्षों के सियासी इतिहास में केवल दो बार राष्ट्रपति शासन रहा है। सन 1980 में फरवरी से जून और बाद में साल 2014 में सितंबर से अक्टूबर तक महज 33 दिन तक राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था। विश्‍लेषकों की मानें तो भाजपा यदि सरकार बनाने से इंकार कर देती है, तो राज्यपाल के पास दूसरे सबसे बड़े दल, यानी शिवसेना को सरकार बनाने के लिए बुलाना पड़ेगा।