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विवादित वायरल वीडियो पर कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य ने दी सफ़ाई, रिपोर्टर ने स्टिंग ग़लत तरीक़े से किया

[Edited By: Admin]

Tuesday, 2nd June , 2020 01:40 pm

कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी इन दिनों एक वायरल वीडियो में जमातियों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बातें करने की वजह से चर्चा में हैं. इस वीडियो को लेकर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग उठ रही है और कुछ मुस्लिम संगठनों ने एफ़आईआर दर्ज कराने के लिए भी प्रार्थना पत्र दिया है.

वहीं डॉ. चंदानी ने इस मामले पर अपनी सफाई देते हुए एक वीडियो जारी किया है। प्राचार्य का कहना है कि "ये घटना 75 दिन पहले की है और इसे बदनीयती से मेरे विरोधियों ने अब जाकर रिलीज़ किया है. मेरे संपर्क में कई मुस्लिम भाई-बहन और बच्चे हैं जिन्हें मैंने अपनों की तरह प्यार किया है और उनकी सेवा की है. यहां तक कि तबलीग़ी जमात के जिन मरीज़ों ने हमारे हेल्थ वर्कर्स पर हमला किया था, हमने उनसे भी अच्छे रिश्ते बनाए. उन्होंने कुछ ही दिनों के भीतर माफी मांग ली थी. और हमने भोजन-पानी और दवाओं से उनकी हर तरह से तीमारदारी की. इसके लिए उन्होंने हमारा शुक्रिया भी अदा किया."

क़रीब पाँच मिनट के इस वीडियो में डॉक्टर आरती लालचंदानी कहती हैं, "इन्हें तो आइसोलेशन में बंद कर देना चाहिए, काल कोठरी जैसे आइसोलेशन में. ये बीस-तीस करोड़ लोगों की वजह से सौ करोड़ लोगों की जान दांव पर लगाई जा रही है. मैं इस बारे में मंत्री से भी बात करूंगी."

बताया जा रहा है कि यह वीडियो डॉक्टर आरती लालचंदानी के आवास का है जहां वो कुछ पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रही हैं. उनके पास कुछ मीडिया चैनलों के माइक भी रखे हैं और बीच-बीच में वो ये भी पूछ रही हैं कि 'आप लोग रिकॉर्ड तो नहीं कर रहे हैं?'

डॉक्टर आरती लालचंदानी मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहती हैं, "मुख्यमंत्री अपीज़मेंट (तुष्टीकरण) कर रहे हैं. जिन्हें जेल में डालना चाहिए, उन्हें वीआईपी सुविधा दी जा रही है. आप लोग मीडिया से हैं. आप मुख्यमंत्री से कह सकते हैं कि क्यों इतना अपीज़मेंट कर रहे हैं."

बताया जा रहा है कि यह वीडियो वहां मौजूद कुछ लोगों ने चुपके से शूट कर लिया और रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही कई लोगों ने डॉक्टर आरती लालचंदानी की बातों पर आपत्ति जताते हुए उन पर कार्रवाई की माँग की है. कानपुर से पूर्व सांसद और सीपीएम नेता सुभाषिनी अली ने भी इस वीडियो पर आपत्ति जताया है.

तब्लीग़ी जमातइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

मीडिया से बातचीत में सुभाषिनी अली ने कहा है, "प्राचार्य असंवैधानिक और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को जो अस्पताल लाए गए थे, उन्हें आतंकवादी बता रही हैं. उन्हें सरकारी मदद से वंचित रखने और उनका इलाज नहीं होना चाहिए जैसी बातें कर रही हैं. हमने ज़िला प्रशासन से माँग की है कि वो वीडियो सही पाए जाने पर प्राचार्य के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाए."

वहीं इस मामले में डॉक्टर आरती लालचंदानी से बात करने की कई बार कोशिश की गई पर वो हर बार फ़ोन काट देती रहीं. हालांकि मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, डॉक्टर लालचंदानी ने चुपके से वीडियो बनाने वाले रिपोर्टर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने की बात कही है. डॉक्टर लालचंदानी का कहना है कि स्टिंग ग़लत तरीक़े से किया गया है और वीडियो में कई जगह तोड़-मरोड़ की गई है.

वीडियो में न सिर्फ़ लालचंदानी इस तरह की बातें कर रही हैं बल्कि वीडियो बनाने वाला व्यक्ति भी उनकी हां में हां मिलाता हुआ दिख रहा है और बार-बार 'जमाती' शब्द का इस्तेमाल कर रहा है.

इस बीच कानपुर शहर के क़ाज़ी मौलाना ओसामा क़ासिमी ने डॉक्टर मूलचंदानी को बर्ख़ास्त करने और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की माँग की है. जबकि कानपुर के वकील रईस ख़ान ने उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है.

प्रोफ़ेसर लालचंदानीइमेज कॉपीरइटVIDEO SCREENSHOT

शहर क़ाज़ी क़ासिमी कहते हैं, "कानपुर का यह मेडिकल कॉलेज गणेश शंकर विद्यार्थी जी के नाम पर है जो हिन्दू-मुस्लिम एकता के बड़े अलमबरदार थे. ऐसी शख़्सियत के नाम पर बने मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल को साम्प्रदायिकता के ज़हर में बुझा होना और उनकी यह मानसिकता हमारे शहर और मेडिकल कॉलेज जैसी गौरवशाली संस्था पर कलंक है. वो इस पद पर बैठने लायक़ नहीं हैं."

फ़िलहाल अभी किसी भी तरफ़ से कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं हुई है. वहीं इस मामले में आगे की किसी भी कार्रवाई के बारे में न ही ज़िला प्रशासन और न ही शासन स्तर पर कोई अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार है. हालांकि बीबीसी को मिली जानकारी के मुताबिक़, ज़िला प्रशासन की ओर से शासन स्तर पर पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है और बहुत संभव है कि सरकार प्राचार्य डॉक्टर आरती मूलचंदानी के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करे.

इससे पहले, डॉक्टर आरती मूलचंदानी ने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती जमातियों के कथित अभद्र व्यवहार की शिकायतें मीडिया में की थीं. उस वक़्त उन्होंने इस कथित अभद्रता के कुछ वीडियो भी दिखाए थे. बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो भी लगभग उसी समय का है जो अब लोगों के सामने आया है.

Report Copyright BBC

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