यूपी की राजधानी लखनऊ में हिन्दूवादी नेता की घर में घुसकर हत्या के पीछे ISIS का हाथ सामने आया है. मुरादाबाद में ट्रेन रोककर पांच संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किए जाने की सूचना है. तिवारी की हत्या के सिलसिले में गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने छह लोगों को हिरासत में लिया है. इस हत्याकांड में गुजरात के सूरत शहर में रहने वाले उबैद मिर्जा और मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला का नाम बेहद प्रमुखता से सामने आ रहा है. एटीएस सूत्रों के मुताबिक इन दोनों लोगों पर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के लिए काम करने का संदेह है. उबैद और कासिम के इरादे बहुत खतरनाक थे. उबैद मिर्जा ने तो यहां तक कह दिया था कि कमलेश तिवारी की हत्या करनी है.
गुजरात एटीएस के मुताबिक कमलेश तिवारी आतंकी संगठन आईएसआईएस की हिट लिस्ट में थे. यह खुलासा गुजरात एटीएस द्वारा 25 अक्टूबर 2017 को सूरत से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध उबैद अहमद मिर्जा और मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला से पूछताछ में हुआ था. 20 अप्रैल 2018 को गुजरात एटीएस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक उबैद मिर्जा ने अपने दो साथियों को कमलेश तिवारी के विवादित बयान वाला विडियो दिखाते हुए कहा था, 'हमें कमलेश तिवारी को मार डालना है.'
गुजरात एटीएस ने बताया कि मिर्जा और मोहम्मद कासिम अहमदाबाद के खादिया इलाके में स्थित यहूदी उपासनागृह समेत कई इलाकों में 'लोन वुल्फ अटैक' की साजिश रच रहे थे. बताया जा रहा है कि उबैद सूरत की जिला अदालत में पेशे से वकील था और एक होटल भी संचालित करता था. वहीं मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला एक हॉस्पिटल में लैब चलाता था. उसे अंकलेश्वर से गिरफ्तार किया गया था.
एटीएस ने बताया कि उबैद मिर्जा और मोहम्मद मिर्जा दोनों ही आईएसआईएस की विचारधारा में पूरी तरह से डूब चुके थे. ये दोनों लोग अन्य युवाओं को भी आईएसआईएस में शामिल करने के लिए योजना बना रहे थे. गुजरात एटीएस ने इंटेलिजेंस ब्यूरो से अपनी सूचनाएं और जानकारी साझा की थी. साथ ही वो वीडियो भी साझा किया है जिसे दिखाकर कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचने की बात सामने आई थी.
इसके बाद कमलेश तिवारी को सुरक्षा दी गई. हालांकि खुद को मिली धमकियों के चलते कमलेश तिवारी सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा चाहते थे लेकिन उनके घरवालों का आरोप है कि उनके बार-बार बताने के बाद भी उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई. सूरत के उधना इलाके में स्थित एक दुकान से मिठाई का डिब्बा खरीदा गया था. यही मिठाई लेकर हमलावर कमलेश तिवारी के घर गए थे.
वहीं कमलेश तिवारी हत्याकांड की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया है. जिसमें लखनऊ के आईजी एसके भगत, लखनऊ के क्राइम एसपी दिनेश पुरी और एसटीएफ के डिप्टी एसपी पीके मिश्रा को शामिल किया गया है. जो इस मामले की जांच करेंगे.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी और हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी पर शुक्रवार को बदमाशों ने दिनदहाड़े चाकू से हमला कर दिया. उन्हें तत्काल ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
लखनऊ में शुक्रवार दोपहर हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके घर में ही गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. हत्यारे भगवा कुर्ता पहने थे और मिठाई के डिब्बे में तमंचा व चाकू लेकर आये थे. मोबाइल पर बात करने के बाद परिचित बनकर घर पहुंचे दो हत्यारों ने पहले कमरे में कमलेश से करीब आधे घंटे तक बातचीत की. फिर उन पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. हमले से चंद मिनट पहले पान मसाला लेने गया उसका बेटा जब लौटा तो कमलेश खून से लथपथ मिले. पड़ोसियों की मदद से कमलेश को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ही रहे थे कि इतने में गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने इस मामले में एक बड़ा खुलासा किया. उन्होंने बयान जारी करते हुए साफ किया कि हिरासत में लिए गए तीनों लोगों ने अपराध कबूल कर लिया है.
कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात एटीएस को बड़ी सफलता मिली थी. गुजरात के सूरत से एटीएस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनके नाम राशिद पठान, मोहसिन पठान और फिरोज पठान है। इन तीनों को सूरत के लिंबायत से गिरफ्तार किया गया. अब जहां तीनों द्वारा जुर्म तो कबूल कर लिया गया है.
अल-हिंद ब्रिगेड नाम के एक संगठन ने शुक्रवार देर रात कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. हालांकि इस संगठन के दावे की सत्यता की पुष्टि अभी नहीं की जा सकती. संगठन के नाम से भेजे गए मैसेज में लिखा है, 'हम अल-हिंद ब्रिगेड, कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं, जिन्होंने इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की थी. ऐसा और होगा.' संगठन ने ऐसा दावा करते एक व्हाट्सएप संदेश भेजा है, जिसे व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था.
इस संदेश में कमलेश तिवारी की एक तस्वीर के साथ लिखा है, 'कमलेश तिवारी एक उपद्रवी था, जो इस्लाम और मुसलमानों की ओर उंगली उठाता था. अल-हिंद ब्रिगेड कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी लेता है. ऐसा और देखने के लिए तैयार रहो. युद्ध शुरू हो गया है.' इस संगठन के किसी वैश्विक आतंकवादी संगठन के साथ संबंध हैं या नहीं, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है.