जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम और रामपाल ने अपनी आईटी टीमों को सोशल मीडिया पर एक्टिव कर दिया है। इसका मकसद अपने समर्थकों की तादाद बढ़ाने के साथ वजूद को बचाए रखना है। गौरतलब है कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसके मद्देनजर दोनों अपने प्रचार के जरिए लोगों को खासकर युवाओं को जोड़कर राजनीतिक पार्टियों को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। बाबा राम रहीम और रामपाल की टीमें सोशल मीडिया पर इनकी इमेज फिर से बना रही हैं और पाक साफ बताने की जा कोशिश कर रही हैं। यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि इन्हें फंसाया गया।
इनका आईटी सेल भाजपा और कांग्रेस की आईटी टीमों की तरह काम करता है। इसके लिए बकायदा आईटी विशेषज्ञ रखे गए हैं, जिन्हें भारी भरकम सैलरी तक दी जाती है। इनका काम है कि हर रोज के चर्चित ट्वीट, पोस्ट या ट्रेंड को फॉलो करके उसमें अपनी पोस्ट या कमेंट डालना। इसके अलावा, हर रोज अलग-अलग नामों से हैशटैग चलाकर यह बताना कि कैसे सरकार ने बाबा के साथ गलत किया। चुनाव की घोषणा से अब तक करीब 10 दिन के अंदर ही राम रहीम के नाम से 30 हैशटैग ट्रेंड करवाए जा चुके हैं। राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। मतगणना 24 अक्टूबर को होगी।
ऐसा कहा जाता है कि पंजाब और हरियाणा में राम रहीम के 50 लाख से ज्यादा समर्थक हैं। हरियाणा के नौ जिलों की करीब 30 सीटों पर बाबा कथित तौर पर नतीजे प्रभावित करता रहा है। पिछले चुनाव में डेरा ने बीजेपी का समर्थन किया था। उसे 12 सीटों पर जीत मिली थीं। इससे पहले डेरा इंडियन नेशनल लोकदल और कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका अदा कर चुका है।
धर्मशाला के पास कांगड़ा जिले के ग्राम पंचायत पाईसा के निवासियों ने रामपाल का सत्संग नहीं होने दिया. सैंकड़ों लोगों ने मिलकर पहले रामपाल का सत्संग करवाने वाले व्यक्ति चूड़ सिंह को समझाने की कोशिश की. ग्रामीणों की बात चूड़ सिंह को समझ नहीं आई और वह सत्संग का आयोजन करवाने पर आमदा रहा तब लोगों ने रामपाल के पोस्टर फाड़कर आग के हवाले कर दिया. गौरतलब है कि रामपाल पर आर्यसमाज के अनुयायी की हत्या का आरोप लगा और उनकी गिरफ्तारी हुई थी. रामपाल वर्ष 2014 से ही हरियाणा के हिसार जेल में बंद हैं. उन्हें आजीवन कारवास की सजा मिली है.
गौरतलब है कि शनिवार को ग्रामीणों ने रामपाल का पुतला जलाकर प्रशासन को पहले ही सतर्क कर दिया था कि यहां सत्संग हुआ तो स्थिति भयंकर रूप ले सकती है. इसके बावजूद रविवार को यहां सत्संग का आयोजन करवाने की कोशिश की गई तब सैंकड़ों लोगों ने धावा बोलकर सत्संग बंद करवाया. यहां किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है. यहां सत्संग के आयोजन की प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली गई थी. सत्संग बंद कराने के दौरान स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी. इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से चूड़ सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. चूड़ सिंह को सोमवार को एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर चूड़ सिह से सत्संग बंद करने लेकर आपस में काफी देर बातचीत करते रहे. ग्रामीण सत्संग घर में दाखिल हुए और सत्संग करने वाले चूड़ सिंह व अन्य अनुयायियों को समझाने लगे. चूड़ सिंह सिंह ने एक ग्रामीण महिला सुषमा देवी पर हाथ उठा दिया. इसके चलते वहां माहौल बहुत गर्म हो गया और ग्रामीणों ने सत्संग घर में लगे रामपाल के पोस्टर व फोटो उखाड़ दिए और उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे. ग्रामीणों का कहना है कि भविष्य में देशद्रोही रामपाल का सत्संग नहीं होने देंगे.
स्थानीय पंचायत प्रधान प्रवीण कुमारी ने ग्रामीणों को समझाने की काफी कोशिश की गई लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था. ग्रामीणों ने बाबा रामपाल के पोस्टरों को आग के हवाले कर दिया. लोगों का कहना है कि चूड़ सिंह ने महिलाओं पर हाथ उठाया, इसलिए हम इसे नहीं छोड़ेगे.
विश्व हिंदू परिषद के देहरा जिला अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि रामपाल के अनुयायी सत्संग करने जा रहे थे, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने भी उनको अनुमति नहीं दी थी, लेकिन सत्संग को जबरन करवाने का प्रयास किया जा रहा था.
उन्होंने रामपाल के अनुयायियों को कहा कि जो व्यक्ति आरोपों के घेरे में हैं, उनके नाम का सत्संग नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर रामपाल न्यायिक प्रक्रिया से पाकसाफ होकर निकलते हैं तो आप कुछ भी करो. उन्होंने कहा कि हम सनातनी हिन्दू हैं और हमें अपने धर्म के अनुसार ही अपना जीवन यापन करना चाहिए.
डीएसपी देहरा रणधीर सिंह ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि पाईसा में रामपाल का कोई अनुयायी रामपाल के नाम से सत्संग करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस दौरान बाहर से रामपाल को मानने वाले लोग आएंगे जो रविवार को सत्संग करेंगे. एसडीएम कार्यालय व पुलिस विभाग से इसके लिए परमिशन नहीं दी गई थी. उसके बाद ग्रामीणों ने सत्संग का विरोध किया.
पुलिस ने सत्संग करवाने वाले चूड़ सिंह को एसडीएम के पास बुलाकर यह हिदायत दी थी कि कोई भी सत्संग नहीं होना चाहिए. चूड़ सिंह ने भी सत्संग नहीं कराने का भरोसा जताया था. उसके बाद रविवार को जब स्थिति तनावपूर्ण हुई तो चूड़ सिंह को पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से गिरफ्तार कर लिया.