नई दिल्ली जवाहरलाल यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा और राजनीति में सक्रिय रहने वाली शेहला रशीद का कुछ समय में ही राजनीति से मोहभंग हो गया है और उन्होंने खुद को चुनावी राजनीति से अलग करने का फैसला किया है.
शेहला ने राजनीति छोड़ने का ऐलान करने के साथ ही कहा है कि, वो कश्मीरियों के साथ हो रहे बर्ताव को बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं.
शेहला रशीद ने कहा कि केंद्र सरकार अब दुनिया को चुनाव कराकर दिखाना चाहेगी कि अभी भी कश्मीर में लोकतंत्र है, लेकिन जो चल रहा है वह लोकतंत्र नहीं, उसकी हत्या है.
बता दें कि इस साल मार्च में शेहला रशीद ने शाह फैसल की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट को ज्वॉइन किया था. इससे पहले शेहला रशीद के खिलाफ जम्मू कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में उनके बयान को लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. शेहला रशीद ने अपने खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले को ‘तुच्छ’, ‘राजनीति से प्रेरित’ और उन्हें चुप कराने का दयनीय प्रयास करार दिया था.
शेहला के खिलाफ कश्मीर घाटी में कथित रूप से सैन्य कार्रवाई की गलत सूचना ट्वीट करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (देशद्रोह), 153-ए( दुश्मनी को बढ़ावा देना), 504 (जानबूझकर शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने) और 505 (उपद्रव करवाने के लिए बयान देने) के तहत मामला दर्ज कराया गया था.