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हेमंत सोरेन सरकार ने आज विश्वास मत पेश किया, जिसे जीत लिया

[Edited By: Rajendra]

Monday, 5th September , 2022 02:57 pm

झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच हेमंत सोरेन सरकार ने आज विश्वास मत पेश किया, जिसे जीत लिया है. हेमंत सोरेन सरकार को 81 में से 48 मत मिले हैं. वोटिंग के वक्त विपक्ष ने वॉकआउट किया था. वहीं हेमंत सोरेन ने विधानसभा को संबोधित करते हुए विपक्षी भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए दंगों को हवा देकर देश में "गृहयुद्ध जैसी स्थिति" का प्रयास करने का आरोप लगाया. अपने भाषण में उन्होंने यहां तक कह डाला कि ये वहीं सामंतवादी मनुवादी लोग हैं जो आज देश का राष्ट्रपति महिला आदिवासी को बनाकर आदिवासी मुख्यमंत्री की सत्ता छिनने का तैयारी कर रहा हैं.

ईडी असमंजस में है, सोरेन सरकार की मंजिल तलाशने में रास्ता रघुवर सरकार के हवा महल तक पहुंच जाता है" वहीं विश्वासमत जीतने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक ट्वीट भी किया ओर लिख, जीते हैं हम शान से विपक्ष जलते रहें हमारे काम से, लोकतंत्र जिंदाबाद!

विधानसभा के विशेष सत्र से पहले सोरेन ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा था कि जो जाल हमारे लिए बिछाए हैं, उसी जाल में समेटकर बाहर कर दिया जायेगा. सोरेन और उनकी पार्टी झामुमो ने भाजपा पर संकट का फायदा उठाने की कोशिश करने और चुनी हुई सरकार को गिराने का आरोप लगाया है.

दूसरी तरफ विपक्षी भाजपा का कहना है कि हेमंत सोरेन को एक विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने खुद को खनन पट्टा देकर चुनावी मानदंडों का उल्लंघन किया है. पार्टी ने नए सिरे से चुनाव का आह्वान किया है और मांग की है कि मुख्यमंत्री "नैतिक आधार पर" इस्तीफा दें.

वहीं छत्तीसगढ़ में डेरा डाले झारखंड के सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के कम से कम 30 विधायक विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए रविवार को एक विशेष विमान से रांची पहुंच गए हैं. झारखंड के ये विधायक 30 अगस्त से रायपुर के पास एक रिजॉर्ट में डेरा डाले हुए थे. वहीं हेमंत सोरेन ने कल विधायकों के साथ बैठक भी की थी.

गौरतलब है कि झारखंड के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद के मामले में निर्वाचन आयोग में याचिका दायर की थी. निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया है. राज्यपाल रमेश बैस कभी भी अपना फैसला सुना सकते हैं.

सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में 49 विधायक हैं. सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के पास 30 विधायक, कांग्रेस के 18 और तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पास एक विधायक है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पास 26 विधायक हैं. बहुमत का आंकड़ा 41 है.

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