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प्रलय की 10 हैरान कर देने वाली तस्वीरें: बादल फटा, नदी-नालों में उफान-भूस्खलन से 17 से ज्यादा मौतें 15 लापता

[Edited By: Admin]

Monday, 19th August , 2019 11:51 am

बारिश की तबाही जारी है। तेज बारिश और बाढ़ का सबसे ज्यादा असर उत्तराखंड और केरल में देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड के मोरी तहसील में हुआ हादसा इस साल की सबसे बड़ी दैवीय आपदा मानी जा रही है। यहां  बादल फटने से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी आपदा प्रबंधन के सचिव(प्रभारी) एस ए मुरुगेसन ने दी। बचाव अभियान जारी है। बादल फटने के बाद बचाव अभियान के लिए संचार उपकरणों और रस्सियों के साथ मोरी के अरकोट के लिए दो हेलिकॉप्टरों ने उड़ान भरी। तीन मेडिकल टीमें अरकोट भी वहां पहुंची। यहां दो लोगों को देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड लाया गया। उन्हें दून अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।

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उत्तराखंड में बीते 24 घंटों में बादल फटने, नदी नालों में उफान व भूस्खलन की घटनाओं में जानमाल की काफी क्षति हुई है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 15 लोग नालों के उफान और मलबे के साथ बह गए, जबकि एक ही परिवार के आठ सदस्य मकान के मलबे में दब गए। ऐसे में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 अभी लापता हैं।

हिमाचल प्रदेश में शिमला के चबा क्षेत्र में सतलज नदी पर बने फुटब्रिज का एक हिस्सा नदी में गिर गया। इस पुल से शकरा, बालदी, बिंदला और जेडवी गाँव को कनेक्टिविटी मिलती थी। इस इलाके में भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया है।

हथनी कुंड बैराज से छोड़े गए 8 लाख क्यूसेक से अधिक पानी के बाद दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। इस वजह से अब दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। आज यमुना नदी का जलस्तर 204.70 मीटर रिकॉर्ड किया गया है जबकि चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है। इसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने नदी के किनारे बसे इलाकों से लोगों को निकल जाने के आदेश जारी किए है। इस काम के लिए नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है।

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शिमला, केरल और महाराष्ट्र के बाद अब देश के पहाड़ी राज्य भारी बारिश और बाढ़ के कहर से जूझ रहे हैं। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाके भी शामिल हैं। हिमाचल में तो 70 साल में पहली बार इतनी बारिश हुई है। इसके चलते अब तक 22 लोगों को मौत हो चुकी है और दर्जनों घायल हुए हैं। सात लापता बताए जा रहे हैं। कुल्लू जिले का संपर्क शेष दुनिया से कट चुका है। ऊना और शिमला-सोलन के बीच रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है।

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वहीं, उत्तराखंड में बारिश के कारण नौ लोगों की मौत हो चुकी है। पंजाब में छह और उत्तर प्रदेश में तीन लोग काल का ग्रास बने। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार कुछ राहत मिलने का संभावना है। 20 साल बाद अगस्त में बर्फ : हिमाचल की चोटियों पर 20 साल बाद अगस्त में बर्फबारी देखी गई है। कुल्लू जिले के रोहतांग र्दे और लाहुल-स्पीति की चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई।

श्री नैना देवी में सर्वाधिक बारिश
हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान औसत 102.5 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं, इससे पहले 14 अगस्त 2011 को 74 मिलीमीटर और 1950 में 100 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी। सबसे अधिक वर्षा श्री नैनादेवी में 330 मिलीमीटर हुई।

दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी जारी
दिल्ली में भी रविवार को बारिश हुई और यहां अधिकतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि यमुना में जलस्तर बढ़ने से दिल्ली सरकार ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी है क्योंकि यमुना में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने की आशंका है।

यमुना में हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा 8 लाख क्यूसेक पानी
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से रविवार शाम चार बजे आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 32 घंटे में इस पानी के दिल्ली आने की उम्मीद है। इससे दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ेगा। फिलहाल अभी जलस्तर चेतावनी संदेश से नीचे है। बैराज से बड़ी मात्र में पानी छोड़े जाने से पूर्वी जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन ने खादर इलाकों को खाली करने के लिए मुनादी शुरू कर दी है। प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति के लिए 011-22051234 नंबर जारी किया है। पूर्वी जिले के जिलाधिकारी दीपक ¨शदे ने खादर इलाकों में रहने वाले लोगों से इलाका खाली करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि लोग यमुना के किनारे न जाएं। यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और इससे खादर इलाकों में भी पानी भरने की आशंका है। दीपक शिंदे ने बताया कि भारी बारिश के कारण हथिनी कुंड बैराज से समय-समय पर पानी छोड़ा जा रहा है।

दिल्ली-हरियाणा पर बाढ़ का खतरा
मौजूदा समय में यमुना का जलस्तर 203.37 मीटर है। यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 मीटर और खतरनाक स्तर 205.33 मीटर है। उन्होंने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने गीता कॉलोनी स्थित पूर्वी जिलाधिकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया है। यह 24 घंटे काम करेगा। आपातकालीन स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर 011-22051234 भी जारी किया गया है। कोई भी व्यक्ति जलस्तर से संबंधित जानकारी ले सकता है। साथ ही अगर कोई व्यक्ति बाढ़ में फंस गया है तो वह इस नंबर पर फोन करके मदद ले सकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी व्यक्ति को यमुना और उसके आसपास न जाने दें। साथ ही प्रशासन की टीम खादर इलाकों को खाली करने के लिए मुनादी कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में हो सकती है।

पंजाब में शनिवार रात तेज बारिश के बाद रविवार सुबह मौसम साफ होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि भाखड़ा बांध से पानी छोड़ने के कारण औद्योगिक नगरी लुधियाना से लेकर फिरोजपुर जिले तक सतलुज का जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में प्रशासन की ओर से जालंधर के 81 गांव खाली करवाने के आदेश जारी किए गए हैं। लुधियाना के खन्ना में मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। इसके अलावा राज्य में तीन अन्य लोगों की भी मौत हुई है। 

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