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''काण्डों'' से मशहूर गोपाल कांडा अब हैं BJP के 'संकटमोचक', पढ़िए हवाई चप्पल की दुकान से लेकर एयरलाइंस के मालिक तक कांडा का सफरनामा

[Edited By: Admin]

Friday, 25th October , 2019 01:22 pm

हरियाणा के मशहूर बिजनेसमैन और लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा ने भारतीय जनता पार्टी को सपोर्ट करने का ऐलान कर दिया है. हरियाणा के गोपाल कांडा अपने ''काण्डों'' की वजह से मीडिया में हमेशा चर्चा में रहे हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने रात एक बजे के लगभग कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें बताया गया कि गोपाल कांडा ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दिल्ली स्थित घर पर उनसे मुलाक़ात की है. इन तस्वीरों में गोपाल कांडा एक कार में बैठकर कहीं जाते हुए दिख रहे हैं. गोपाल कांडा को कथित तौर पर दिल्ली लाने वाली बीजेपी की सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा है कि उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह सूचना दे दी है कि कांडा सहित दूसरी पार्टियों के भी कुछ नेता बिना शर्त बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार हैं और वो उनके संपर्क में हैं.

जानिए गोपाल कांडा के बारे में...

हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) बनाने वाले गोपाल कांडा ने सिरसा विधानसभा सीट से महज़ 602 वोटों से जीत दर्ज की है. वो साल 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत कर विधायक बने थे और उस समय हरियाणा की हुड्डा सरकार में उन्हें मंत्रिपद भी मिला था. हरियाणा की राजनीति पर नज़र रखने वालों के मुताबिक गोपाल कांडा और उनके भाई गोविंद कांडा की गिनती प्रदेश की प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों में होती है. गोपाल कांडा का नाम साल 2012 में तब चर्चा में आया था जब उनकी एयरलाइन कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी.

गीतिका ने पांच अगस्त 2012 को खुदकुशी की थी. उनका शव दिल्ली केअशोक विहार स्थित घर पर पंखे से लटका हुआ मिला था. अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने कथित रूप से गोपाल कांडा और उनकी कंपनी की एक कर्मचारी अरुणा चड्ढा का नाम लिया था.

गीतिका शर्मा को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन करते लोगइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

जेल और जमानत

कांडा एमडीएलआर एयरलाइंस के मालिक थे, जहां गीतिका बतौर एयर होस्टेस काम करती थीं. कांडा ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया था और वो लगभग 10 दिन तक अंडरग्राउंड रहे थे. इसके बाद उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. गोपाल कांडा पर बलात्कार, आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश रचने जैसे तमाम आरोप लगे थे. इसी बीच उन्होंने हुड्डा सरकार से भी इस्तीफा दे दिया था.

गीतिका शर्मा की आत्महत्या के छह महीने बाद उनकी मां ने भी आत्महत्या कर ली थी और उन्होंने भी अपने सुसाइड नोट में कथित तौर पर कांडा का नाम लिया था.

गोपाल कांडा को लगभग 18 महीने जेल में रहना पड़ा था. बाद में मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन पर लगे रेप के आरोप हटा लिए थे और उन्हें ज़मानत दे दी थी. ज़मानत पर बाहर आने के बाद साल 2014 में ही गोपाल कांडा ने अपने भाई के साथ मिलकर हरियाणा लोकहित पार्टी का गठन किया और उस समय के विधानसभा चुनाव भी लड़ा.

पुलिस हिरासत में गोपाल कांडाइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

बीजेपी ने किया था विरोध प्रदर्शन

गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा ने भी एक न्यूज़ चैनल पर पुष्टि की है कि वो बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं. इसके बाद से ही गोपाल कांडा सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं. लोग उनसे जुड़ी पुरानी तस्वीरें और गीतिका शर्मा की आत्महत्या की कहानी को साझा कर रहे हैं. कई लोगों ने वो तस्वीर भी पोस्ट कर रहे हैं जिसमें बीजेपी नेता गीतिका शर्मा को न्याय दिलाने और गोपाल कांडा को गिरफ़्तार करने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे.

इंडियन यूथ कांग्रेस के सोशल मीडिया इंचार्ज वैभव वालिया ने यही तस्वीर ट्वीट कर लिखा है, ''एक वक़्त था जब गोपाल कांडा बीजेपी के नेताओं के लिए सबसे नापसंद किए जाने वाले नेता थे. मुझे नहीं पता अब उन्हें गीतिका शर्मा को न्याय दिलाने की चिंता है या नहीं.''

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कांडा का मतलब लोहे के बाट


उनका पूरा नाम है गोपाल गोयल कांडा. 54 वर्षीय कांडा हरियाणा के सिरसा जिले के बिलासपुर गांव के मूल निवासी हैं. उनके पूर्वज सिरसा के एक थोक बाजार में सब्जियों की तौल करते थे. इस कारोबार की वजह से उनके परिवार को 'कांडा' सरनेम मिला. असल में वहां के व्यापारी स्थानीय भाषा में लोहे के बाट को 'कांडा' कहते हैं. हालांकि, कांडा के पिता मुरलीधर कांडा सिरसा के एक सफल वकील और प्रतिष्ठ‍ित व्यक्ति थे.

जब कारोबार के लिए चंदा मांगना पड़ा

एक समय ऐसा भी आया जब कांडा की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उन्हें चंदा मांगने तक को मजबूर होना पड़ा था. इंडिया टुडे की एक पुरानी रिपोर्ट के अनुसार, 'कांडा जूता बनाने का कारोबार करते थे, लेकिन यह कारोबार विफल हो गया और वे भारी कर्ज बोझ से लद गए. उन्होंने एक म्यूजिक शॉप भी खोला जो चल नहीं पाया. इसके बाद उन्होंने जूते का एक शोरूम खोला, लेकिन उनके पास पैसे की इतनी तंगी थी कि उन्होंने लोगों से 100-100 रुपये तक का चंदा मांगा.'

जानकार बताते हैं कि कांडा ने जूता फैक्ट्री से पहले टीवी रिपेयरिंग, इलेक्ट्र‍िशियन का भी काम किया. हालांकि जूते का शोरूम खोलने के बाद उनका कारोबार चल पड़ा और वह इतना आगे बढ़ गए कि उन्होंने 1998 में गुड़गांव में प्रॉपर्टी बिजनेस में कदम रखा जो उस समय तेजी से उभर रहा था. उन्होंने छोटे-छोटे प्लॉट की खरीद-बिक्री शुरू की. धीरे-धीरे वे हरियाणा के रियल एस्टेट के एक बड़े खिलाड़ी बन गए.

उनका साम्राज्य जब बढ़ने लगा तो उनके राज्य के कई प्रमुख राजनीतिज्ञों से संपर्क बन गए. उनके ऊपर गैंगस्टर से संपर्क होने का भी आरोप लगा और 2007 में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से कांडा की गतिविधियों की जांच करने को कहा.

एयरलाइंस कारोबार

कांडा की संपदा लगातार बढ़ती गई और उनका रियल एस्टेट कारोबार हिसार, गुड़गांव से लेकर उत्तर भारत के कई शहरों तक फैल गया. साल 2008 में उनके कई ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापे भी पड़े थे. उन्होंने गुड़गांव से MDLR एयरलाइंस की शुरुआत की, यह वही एयरलाइंस है जिसमें गीतिका शर्मा एयर होस्टेस थी. इसका नाम उन्होंने अपने पिता के नाम 'मुरलीधर लेखा राम' (MDLR) के नाम पर रखा था. हालांकि उनके विवादों में फंसने के बाद साल 2009 में एयरलाइंस का कामकाज बंद हो गया.

जब कांग्रेस ने मंत्री बनाया

कांडा के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2009 से होती है. एक सफल कारोबारी बनने के बाद उनके कई राजनीतिक दलों के नेताओं से करीबी संपर्क बन गए थे. साल 2009 में जब इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने गोपाल कांडा को टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय चुनाव लड़े. वह 6,521 वोटों से चुनाव जीत गए. उनकी इस जीत के बाद उनकी तकदीर बदली और वह राज्य की सत्ता में किंगमेकर बन गए. हरियाणा के कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें अपने पाले में किया, क्योंकि 90 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ 40 सीट पाने की वजह से कांग्रेस को अन्य विधायकों के समर्थन की जरूरत थी.

कांडा को हरियाणा का गृह राज्य मंत्री बनाया गया. बाद में उन्हें शहरी निकाय, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री भी बनाया गया. लेकिन एयर होस्टेस गीतिका शर्मा के आत्महत्या मामले में फंसने के बाद साल 2012 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. गीतिका शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि कांडा की प्रताड़ना की वजह से वह आत्महत्या कर रही है. इस मामले में कांडा गिरफ्तार हुए और मार्च 2014 में जेल से रिहा होने के बाद कांडा ने हरियाणा लोकहित पार्टी की स्थापना की. वह 2014 में लोकसभा चुनाव भी लड़े, लेकिन हार गए.

अस्पताल से लेकर महल तक, बॉलीवुड स्टार होते थे गेस्ट

उन्होंने सिरसा में एक बाबा ताराजी चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की जिसके पास आंखों का अस्पताल, 13 एकड़ का विशाल परिसर है जिसमें 108 फुट की भगवान शिव की मूर्ति है, 2.5 एकड़ में फैला स्कूल और उनका अपना महल है. इस ट्रस्ट के सालाना कार्यक्रम में कांडा बॉलीवुड के बड़े-बड़े गायकों और फिल्म स्टार्स को चीफ गेस्ट के रूप में ले आते थे.

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