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इतिहास में पहली बार फूटा 'पुलिसवालों का गुबार', अपने ही मुख्यालय के बाहर धरना देकर कहा-''हम क्या वर्दी पहने पिटते रहेंगे''

[Edited By: Admin]

Tuesday, 5th November , 2019 06:56 pm

दिल्ली के इतिहास में आज ये शायद पहला मौका होगा जब पुलिसवाले अपने ही मुख्यालय के बाहर धरना देकर न्याय मांग रहे हैं. इसकी वजह तीस हजारी कोर्ट में पुलिसवालों की पिटाई. पुलिस कमिश्नर की अपील  भी उनके सामने बेअसर है. अभी भी धरने पर कई पुलिसकर्मी बैठे हुए हैं. 

तीस हजारी कोर्ट में हिसंक झड़प के बाद सोमवार को साकेत कोर्ट के बाहर एक बाइक सवार पुलिस कर्मी को वकील द्वारा पिटाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मी आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए थे.  प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने 'we want justice' के स्लोगन के साथ नारेबाजी की और न्याय मांगा. 

पहले पुलिस के आला अफसर उनका गुस्‍सा शांत कराने की कोशिश कराते रहे, लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी नहीं माने. हालात काबू में न होते देख पुलिस कमिशनर अमूल्‍य पटनायक को पुलिस मुख्‍यालय से बाहर आना पड़ा और प्रदर्शन कर रहे पुलिसवालों को समझाना पड़ा. उन्‍होंने 'वी वॉन्‍ट जस्टिस' की लगातार नारेबाजी कर रहे पुलिसकर्मियों से जोर देकर कहा कि यह परीक्षा, अपेक्षा और प्रतीक्षा की घड़ी है, इसलिए न्‍यायिक जांच की रिपोर्ट का इंतजार करें और अपने काम पर वापस लौटें. साथ ही उन्‍होंने कहा कि साकेत कोर्ट में जिस तरह पुलिसकर्मी के साथ वकीलों ने मारपीट की, उस पर कानूनन कार्रवाई की जाएगी.

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'वी वॉन्‍ट जस्टिस' के नारे लगा रहे दिल्‍ली पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों को समझाने के लिए पुलिस कमिशनर पटनायक दोपहर 12.40 बजे PHQ के बाहर आए. नारेबाजी की वजह से पहले काफी देर तक वह बोल नहीं पाए, लेकिन बाद में उन्‍होंने कहा कि 'दिल्‍ली पुलिस के मेरे साथियों, भाईयों और बहनों. सबसे पहले आपसे अपील करना चाहूंगा कि आप शांति बनाए रखें. मुझे पूरा विश्‍वास है कि आप लोग शांति बनाए रखेंगे.

अभी पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाएं दिल्‍ली पुलिस के लिए परीक्षा की घड़ी है. वैसे दिल्‍ली पुलिस हमेशा चुनौतियां देखती आई है. तरह-तरह के हालात को हैंडल करते रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में हमने ऐसी घटनाएं देखीं, जिन्‍हें हमने पूर्व में भी देखा है ओर संभाला भी. हालात को हम परीक्षा की तरह मानें और हमें जो जिम्‍मेदारी कानून व्‍यवस्‍था संभालाने की मिली हुई है, उस पर थोड़ा ध्‍यान दें.

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उन्‍होंने कहा कि मैं बताना चाहूंगा कि यह परीक्षा, अपेक्षा और प्रतीक्षा की भी घड़ी है. प्रतीक्षा इसलिए क्‍योंकि हाईकोर्ट के आदेश से न्‍यायिक जांच बैठी है. हमें उस पर विश्‍वास रखना चाहिए, इसलिए प्रतीक्षा करनी चाहिए. जो भी घटनाएं हुई हैं, उसमें कार्रवाई की जाएगी. साकेत कोर्ट जैसी घटना पर हम कानूनी कार्रवाई करेंगे. जो भी फाइंडिंग आएंगी, उसके अनुसार आगे बढ़ेंगे. आपसे उम्‍मीद है कि अपनी ड्यूटी पर वापस जाएं

पटनायक दें अपना इस्तीफा

इस दौरान कई जवानों ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के इस्तीफे की भी मांग कर डाली. जवानों ने कहा कि माहौल ऐसा है कि हम क्या वर्दी पहने पिटते रहेंगे. कमिश्नर को इस पूरी घटना पर इस्तीफा देना चाहिए. कुछ जवानों का कहना था कि जो कुछ हुआ वह सभी के सामने है फिर भी जांच और रिपोर्ट की बात कही जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि कार्रवाई की जाए और तत्काल प्रभाव से दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक मामले पर इस्तीफा दे दें.

काम पर लौटें वकील: बार काउंसिल

इधर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पूरे मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बार काउंसिल ने वकीलों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वे तत्काल काम पर लौटें नहीं तो इस संबंध में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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