असम के तिनसुकिया में बगजान स्थित ऑयल इंडिया के कुएं संख्या 5 के पास विस्फोट हुआ है। घटना के समय तीन विदेशी एक्सपर्ट मौजूद थे, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया है। हालांकि, अभी उनकी सेहत के बारे में कोई अधिक जानकारी नहीं मिल सकी है। बता दें कि यह घटना तब हुई जब बगजान में आग बुझाने का काम चल रहा था। अब जहां विस्फोट के बाद ऑपरेशन को फिलहाल रोक दिया गया है।
असम के तिनसुकिया जिले में ऑयल इंडिया लिमिटेड पिछले काफी समय से चर्चा में है। बता दें कि ऑयल इंडिया लिमिटेड के संचालित बगजान क्षेत्र में एक कुएं से 27 मई 2020 को प्राकृतिक गैस का अनियंत्रित रूप से रिसाव होने लगा था। इसके कारण विस्फोट हो गया जिससे आठ जून को कुएं में आग लग गई थी। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अग्निकांड के प्रभावितों को उचित मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया था। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया था। समिति इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये दीर्घकालिक उपायों की सिफारिश भी करेगी, ऐसा कहा गया था।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तेल कुएं में लगी आग पर काबू पाने में असफल रहने पर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ऑयल इंडिया पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। एनजीटी का कहना था कि कुएं में लगी आग से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। बता दें कि तेल के कुंओं में कुंआ संख्या पांच से महीने से भी ज्यादा समय लगातार गैस का रिसाव हो रहा है और नौ जून को उसमें आग लग गई थी। आग पर काबू पाने के प्रयास में ऑयल इंडिया के दो दमकल कर्मियों की मौत हो गई थी।
वहीं, इसके बाद बात सामने आई कि बगजान गैस से जल निकायों में तेल बह रहा है। हालांकि, पीएसयू प्रमुख ऑयल इंडिया लिमिटेड ने कहा था कि असम के बगजान में पिछले महीने एक विस्फोट के बाद गैस कुएं से किसी भी तरह का तेल जल निकायों में नहीं बह रहा है, जैसा कि एक वीडियो क्लिप में दावा किया गया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उस दौरान कंपनी ने बाढ़ के पानी से तिनसुकिया जिले में स्थित गैस कुएं में आग लगने की वजह बताई थी।