उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। खनन घोटाले को लेकर बीते दिन प्रवर्तन निदेशालय ने गायत्री प्रजापति के अमेठी वाले घर पर छापेमारी की थी, जिसमें कुल 11 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद हुए हैं। इसके अलावा ईडी को 5 लाख रुपये के सादे स्टाम्प पेपर, डेढ़ लाख रुपये कैश और सौ से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज़ मिले हैं। इसके अलावा ड्राइवर के नाम 200 करोड़ की संपत्ति के सबूत हाथ लगने की बात सामने आ रही है।
दरअसल, बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति, उनके बेटे और करीबियों के घर व दफ्तर समेत सात ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। जहां टीम को अहम दस्तावेज मिले जिसमे काली कमाई के सबूत हैं। लखनऊ में ईडी को 11 लाख रुपए के पुराने नोट, पांच लाख कीमत की स्टाम्प, पुणे में करोड़ों की संपत्ति, ड्राइवर के नाम 200 करोड़ की सम्पत्ति के दस्तावेज हाथ लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय के खुलासे के अनुसार, कई बेनामी संपत्तियों में निवेश किया गया है और यह बेनामी संपत्तियां करीबी रिश्तेदारों, निजी सहायकों और ड्राइवरों के नाम पर ली गई हैं।
बता दें कि यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति अभी रेप के मामले में जेल में बंद हैं। साथ ही खनन के पट्टों के आवंटन मे धांधली के आरोप में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की जांच भी चल रही है। दरअसल, यूपी के अवैध खनन मामले की कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है, इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में एक्टिव हुआ है। इस मामले में एजेंसियों की नजर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर भी है। अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 2012 से 2013 तक राज्य के खनन मंत्री रहे हैं. 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन हुआ था।