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गांववाले उसे कहते थे ''पहाड़ों का शैतान'', यूपी और एमपी की पुलिस ने अब ली राहत की सांस

[Edited By: Admin]

Monday, 16th September , 2019 04:17 pm

धार्मिक नगरी चित्रकूट में पले-बढ़े शैतान का आखिरकार अंत हो ही गया। गांववालों की रातों की नींद उड़ाने वाले छह लाख के इनामी डकैत बबुली कोल के मारे जाने की खबर यूपी और एमपी की पुलिस के लिए राहत बड़ी राहत भरी है।

चित्रकूट (यूपी-एमपी) के पाठा इलाके में करीब डेढ़ दशक से सक्रिय छह लाख रुपये का इनामी डकैत बबुली कोल का मारा गया है। उसका साथी और साला डेढ़ लाख रुपये का इनामी लवलेश कोल भी ढेर हुआ है। मध्य प्रदेश पुलिस ने दोनों डकैतों को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया है, जबकि अपहरण के बाद फिरौती की रकम बंटवारे को लेकर उसके गैंग के ही साथी के उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर मार डालने की बात सामने आ रही है। दोनों डकैतों के मरने की पुष्टि पुलिस के करने के बाद करीब 15 घंटे से चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया है।

चित्रकूट की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के सतना जिला अंतर्गत धारकुंडी थानाक्षेत्र में रविवार को छह लाख रुपये के इनामी बबुली कोल उसके दाएं हाथ डेढ़ लाख इनामी लवलेश कोल को गैंगवार के दौरान गोली लगने की बात सामने आने के बाद खलबली मच गई। कुछ देर में जंगल से लेकर गांवों तक यह बात आग की तरह फैल गई। पता चला कि गैंग से दो माह पहले जुड़े दस हजार इनामी लाली उर्फ लाले कोल ने धारकुंडी के हरसेड़ से अपहृत किसान अवधेश द्विवेदी से मिली रकम बंटवारे को लेकर दोनों को गोली मार दी। इसके बाद सीधे भागकर सतना के धारकुंडी थाने पहुंचा। वहां पर बबुली व लवलेश को मारे जाने की जानकारी दी। इससे पुलिस सनसनी फैल गई। उनके शव सेमरी पहाड़ के पास वीरपुर के जंगल में पड़े हैं। 

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चित्रकूट से किसान के अपहरण के बाद लगातार पांच दिन से जंगल में सर्चिंग कर रहे रीवा जोन के आइजी चंचल शेखर, डीआइजी रीवा अविनाश शर्मा, एसपी सतना रियाज इकबाल, एएसपी सतना गौतम सोलंकी, एसडीओपी चित्रकूट वीपी सिंह, थाना प्रभारी नया गांव संतोष तिवारी, मझगवां ओपी सिंह, धारकुंडी पवन कुमार, बरौंधा केएस टेकाम, एंटी डकैती विशेष टीम के गोपाल चौबे, सुधांशु तिवारी बीहड़ में कूद पड़े। यूपी चित्रकूट के एसपी मनोज कुमार झा, एएसपी बलवंत चौधरी के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने जंगल में सर्चिंग तेज कर दी।

खून के धब्बों से पता चला

जंगल मे सर्चिंग के दौरान कुछ जगह खून के धब्बे मिलने पर पुलिस का हौसला बढ़ा। इसके बाद पुलिस टीमों ने करीब दस घंटे की मशक्कत के बाद दोनों के शव खोज निकाले। डकैत सरगना बबुली के कुछ साथी दोनों को घायल अवस्था में काफी दूर तक ले गए। रात में बॉर्डर के कारण दोनों प्रांतों की पुलिस अब श्रेय लेने की होड़ में जुटी रही। इससे पुष्टि करने में देरी लगी। मध्य प्रदेश सतना व रीवा के पुलिस अफसरों ने फोन बंद कर लिए थे। 

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एसपी चित्रकूट मनोज कुमार झा ने सोमवार सुबह दोनों डकैतों को मारे जाने की पुष्टि करीब 11:15 बजे कर दी है। बताया कि सतना एसपी ने दोनों को मारे जाने की खबर दी है। मारकुंडी, मानिकपुर व बहिलपुरवा थानेदारों की टीम को भेजा गया है।

पुलिस ने किया मुठभेड़ में मार गिराने का दावा

मध्य प्रदेश के आइजी रीवा अविनाश शर्मा ने बबुली गैंग के सरगना बबुली कोल व उसके दाएं हाथ लवलेश को जंगल मे मुठभेड़ के दौरान मार गिराने का दावा किया। सतना एसपी रियाज इकबाल ने बताया कि गैंग का खात्मा कर दिया गया है। अब कोई सदस्य नहीं बचा है।

बबुली व लवलेश पर दर्ज सवा सौ मुकदमे, आइएस-262 था गैंग

उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में बबुली कोल व लवलेश कोल के चित्रकूट, बांदा, प्रयागराज, एमपी के सतना रीवा में अलग अलग थानों में हत्या लूट डकैती बलवा के करीब सवा सौ मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस रिकॉर्ड में आईएस-262 के रूप में गैंग की पहचान थी। गैंग के पास एके-47 से लेकर अत्याधुनिक हथियार थे। गैंग में सक्रिय व कैजुअल मिलाकर करीब 13 सदस्यों के होने की बात भी सामने आई थी।

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जंगल में 35 राउंड गोलियां चलने का दावा, गूंजा जंगल

मध्य प्रदेश की सतना पुलिस ने बबुली कोल गैंग से लेदरी के जंगल में मुठभेड़ के बाद 35 राउंड गोलियां चलाने की बात कही है। दावा किया कि डकैतों ने भी 15 फायर राउंड फायर किए।

बबली कोल और यूपी पुलिस का आमना-सामना

बबुली कोल और यूपी पुलिस के बीच कई बार आमना-सामना हुआ, लेकिन पुलिस को सफलता हाथ नहीं लगी। एक एनकाउंटर में पुलिस का दारोगा भी शहीद हो गया था। चित्रकूट इलाके में उसका काफी आतंक था। 2018 की फरवरी में चित्रकूट में डकैत बबुली से जंगलों में पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। मारकुंडी थाना क्षेत्र के बंदरचुआ के बड़े जंगल में पुलिस के कॉम्बिंग के दौरान यह एनकाउंटर हुआ था। दोनों तरफ आधे घंटे तक फायरिंग होती रही थी, लेकिन बबुली कोल चित्रकूट पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है। पुलिस ने एक राइफल, तीन कारतूस, एक मोबाइल सहित कई दैनिक उपयोग चीजों को बरामद की थी।

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ठोकिया की मदद के आरोप में गिरफ्तार

बबुली कोल की उम्र इस समय करीब 38 साल थी। उस पर इस समय 6 लाख का इनाम है। चित्रकूट के डोडा सोसाइटी क्षेत्र के गांव कोलान टिकरिया के मजदूर रामचरन के घर में 1979 में पैदा हुए बबुली ने प्राथमिक स्कूल से क्लास आठ तक की पढ़ाई की। 12वीं की पढ़ाई के लिए वह बांदा चला गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते गांव आ गया और खेती करने लगा। 2007 में पुलिस ने उसे ठोकिया की मदद के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। तमंचा दिखाकर जेल भेज दिया। छह माह जेल के अंदर रहने के दौरान ठोकिया के साथी लाले पटेल से इसकी मुलाकात हो गई। जेल से छूटने के बाद बबुली ने लाले को छुड़ाने के लिए जाल बिछाया। पेशी पर लाले आया तो वहां से बबुली कोल ने फरार होने में मदद की और दोनों पाठा के जंगल में कूद गए।

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यूपी में 5 और एमपी में था 1.50 लाख का इनाम 

बबुली कोल पर उत्तर प्रदेश में 5 लाख और मध्य प्रदेश में 1.50 लाख का इनाम था। दोनों प्रदेशों की पुलिस ने मिलकर कई बार उसके खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया, लेकिन वह हाथ नहीं आया। जंगल की अच्छी जानकारी और आसपास के गांवों में शरण मिलने के कारण वह हर बार बचकर निकल जाता था। बबुली कोल पर हत्या, अपहरण, फिरौती डकैती जैसे डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज थे। बबुली के आतंक से उत्तर प्रदेश समेत मध्य प्रदेश के कई गांव खौफ में थे। पाठा क्षेत्र में बबुली कोल का आतंक का अंदाजा इसी से लगाया जाता था कि यहां 104 गांवों से लेकर चित्रकूट, बांदा, मानिकपुर, ललितपुर, सतना जिले में लोग इसकी तुलना कुख्यात डकैत ददुआ से करते थे।

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कोलान टिकरिया में हुआ था जन्म

चित्रकूट के डोंडा सोसाइटी के कोलान टिकरिया के मजदूर रामचरन के यहां बबुली कोल का जन्म हुआ था। उसने गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से आठवीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह इंटर की पढ़ाई करने बांदा चला गया था। गरीबी के कारण पढ़ाई पूरी नहीं हुई और गांव लौटकर खेती करने लगा था। इस दौरान 2007 में पुलिस ने उसे डकैत ठोकिया की मदद के आरोप में गिरफ्तार किया था। 6 महीने जेल में रहने के दौरान बबुली कोल की मुलाकात ठोकिया के एक साथी लाले पटेल से हुई थी। इसके बाद बबुली कोल ने अपराध की दुनिया में कदम रखा।

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