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कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज

[Edited By: Rajendra]

Tuesday, 20th September , 2022 12:58 pm

राहुल गांधी ने अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के अपने फैसले का खुलासा नहीं किया है। इस बीच राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, सूत्रों ने खुलासा किया कि गहलोत इस जिम्मेदारी को लेने के लिए अनिच्छुक हैं और गांधी को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि बिहार, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की राज्य इकाइयों ने पार्टी के शीर्ष पद के लिए राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है। ऐसे में शशि थरूर की उम्मीदवारी पर हो रही अटकलबाजी अब कुछ-कुछ सच होती नजर आने लगी हैं। थरूर कई बार ऐसे संकेत दे चुके हैं कि वह कांग्रेस के प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ना चाहते हैं। भले ही उन्होंने साफतौर पर कभी कुछ ना कहा हो, लेकिन उनकी बातों से कई बार उनकी यह इच्छा झलक चुकी है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया, तो फिर चुनाव होना तय है। पार्टी के एक खेमे के मुताबिक, कांग्रेस प्रेसिडेंट के इलेक्शन के लिए अगर गांधी परिवार से कोई नामांकन दाखिल नहीं करता है और थरूर करते हैं, तो पार्टी के अधिकतर नेता उनके खिलाफ उम्मीदवार जरूर देंगे।

सूत्रों ने कहा, ‘अगर इस पद के लिए गांधी परिवार से कोई नामांकन दाखिल नहीं करेगा और थरूर अपना नामांकन दाखिल करते हैं, तो हम उनके खिलाफ उम्मीदवार जरूर देंगे। फिर चाहे वो अशोक गहलोत हों या दिग्विजय सिंह हों। क्योंकि ये दोनों नेता खांटी कांग्रेसी ही नहीं, बल्कि निचले स्तर से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं और यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कभी पार्टी या गांधी परिवार के खिलाफ कोई बयानबाजी या कोई एक्शन नहीं लिया.’ वहीं, इसको लेकर लोकसभा सदस्य थरूर ने सोमवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की. कहा जा रहा है कि सोनिया से चर्चा में थरूर ने पूछा कि “मुझे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहिए. मेरे आधे समर्थक कह रहे हैं लड़िये. आधे कह रहे हैं नहीं लड़िये. आप क्या कहती हैं?” तो सोनिया ने जवाब दिया कि “कोई भी लड़ सकता है. आपका मन हो तो लड़िए.” ।

कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर तक 'भारत जोड़ो' यात्रा की अगुवाई कर रहे राहुल कमान संभालने के मूड में नहीं हैं। खबरें आती रही हैं कि पार्टी नेता लगातार अध्यक्ष बनने की अपील कर रहे हैं, लेकिन वह इच्छुक नहीं हैं। फिलहाल, वायनाड सांसद के अलावा थरूर और गहलोत का नाम ही सामने आया है। अब ऐसे में अगर राहुल की एंट्री होती है, तो कहानी बदल सकती है, क्योंकि करीब 7 राज्यों की कांग्रेस इकाई ने उन्हें प्रमुख बनाने की बात का समर्थन किया है।

इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर का नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश यूनिट भी प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है। अब अगर खुद राहुल भी चुनाव में उतरने का ऐलान करते हैं, तो संभावनाएं हैं कि गहलोत कदम पीछे ले सकते हैं। ऐसे में चुनाव सीधा राहुल बनाम थरूर भी हो सकता है।

पार्टी में चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है, जो 30 सितंबर तक चलेगी। इसके बाद 17 अक्टूबर को अध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा और 19 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। खास बात है कि कांग्रेस ने लंबे समय बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी CWC में भी चुनाव का ऐलान कर दिया है।

जबकि सोनिया गांधी 19 वर्षों तक कांग्रेस के शीर्ष पर थीं, इस दौरान 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के साथ-साथ 2009 के लोकसभा चुनावों में विजयी हुई, उनके बेटे राहुल गांधी ने दिसंबर 2017 में उनकी जगह ली। राज्य में हार की एक श्रृंखला के बाद 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस के विनाशकारी प्रदर्शन के साथ संयुक्त रूप से, उन्होंने पद छोड़ने के अपने निर्णय की घोषणा की। जिसके बाद, सोनिया गांधी ने अगस्त 2019 में पार्टी का अंतरिम प्रभार ग्रहण किया।

G23 नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र और 2020 और 2021 में चुनावी हार की एक श्रृंखला के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में देरी हुई। पार्टी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने 28 अगस्त को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता अपना नामांकन दाखिल कर सकता है। हालांकि, सलमान खुर्शीद और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित राहुल गांधी के कई वफादारों ने सार्वजनिक रूप से उनकी एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में वापसी की इच्छा व्यक्त की है।

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