Trending News

दिल्ली में एमसीडी चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 19th October , 2022 12:36 pm

दिल्ली में आगामी नगर निगम चुनाव 250 वार्ड पर होंगे। केंद्र सरकार ने राज्य चुनाव आयोग की परिसीमन रिपोर्ट पर मुहर लगाते हुए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी है। अब दिल्ली में 272 के बजाए नगर निगम के 250 वार्ड होंगे। उसमें 42 वार्ड को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रखा गया है।

देश की राजधानी दिल्ली में नगर निगम के परिसीमन का काम पूरा हो गया है. इसी के साथ दिल्ली में एमसीडी चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने परिसीमन के मसौदे पर हस्ताक्षर करके 800 पन्नों की फाइल दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के पास भेज दी और परिसीमन संबंधी अधिसूचना भी जारी कर दी है. परिसीमन के बाद दिल्ली नगर निगम का स्वरूप अब पूरी तरह से बदल गया है.

जानकारी के मुताबिक इसमें आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा वार्ड मयूर विहार फेज-1 एक होगा जहां कुल आबादी 88 हजार 878 है। तीन निगमों को एक करने के बाद से दिल्ली नगर निगम वार्ड के परिसीमन की घोषणा भी हो गई थी। केंद्र सरकार ने जून में इसे लेकर एक समिति का गठन किया था।

समिति ने सितंबर में परिसीमन को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। कुल 22 वार्ड में एक-एक वार्ड को कम किया गया है। परिसीमन को विधानसभा के सीमा क्षेत्र को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे एक भी वार्ड किसी दो विधानसभा का हिस्सा ना हो। इसलिए जहां पर अधिक वार्ड थे वहां पर वार्डों की संख्या घटाई गई। इसमें ग्रामीण क्षेत्र वाले विधानसभा सीट भी शामिल थी।

एमसीडी के एकीकरण के बाद अब अस्तित्व में आए दिल्ली नगर निगम के वार्ड की संख्या भी घट गई है तो पार्षद के क्षेत्र का दायरा भी बढ़ा है. परिसीमन के चलते नगर निगम के वार्डों के नाम और नंबर बदल गए हैं. निगम वार्डों का आरक्षण नए तरीके से चुनाव आयोग करेगा. अनुसूचित जाति, ओबीसी और महिलाओं के लिए पहले से आरक्षित वार्ड पूरी तरह से बदल जाएंगे. एमसीडी के नए निजाम में सीट से लेकर वोट, एरिया और आरक्षण ही नहीं बल्कि सियासी दलों का समीकरण भी बदल जाएगा.

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) तीनों इलाकों में बंटी हुई थी, जो उत्तरी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के रूप में जानी जाती थी. मोदी सरकार ने मई 2022 में दिल्ली के तीनों निगमों को मिलाकर एकीकृत कर दिया. इस तरह एक एमसीडी हो गई है. दिल्ली एमसीडी में अभी तक मेयर, कमिश्नर और चीफ इंजीनियर तीन-तीन हुआ करता थे, जो अलग-अलग जोन के होते थे. एमसीडी के एकीकरण किए जाने के बाद मेयर, कमिश्नर और चीफ इंजीनियर एक-एक होंगे. इनके पास पहले से ज्यादा शक्तियां होंगी.

दिल्ली में एमसीडी चुनाव को वैसे तो हमेशा सेमीफाइनल के तौर पर देखा जाता है। लेकिन इस बार दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच बड़े घमासान की उम्मीद की जा रही है। दिल्ली विधानसभा में लगातार तीन चुनाव जीत चुकी 'आप' इस बार एमसीडी पर भी पूरा जोर लगा रही है। शराब घोटाले से लेकर कई मुद्दों पर आप और बीजेपी में जमकर वार-पलटवार चल रहा है। सूत्रों की मानें तो गुजरात चुनाव के बीच ही दिल्ली में भी एमसीडी चुनाव हो सकता है।

Latest News

World News