नई दिल्ली- कृषि बिल के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन और ट्वीट का खालिस्तान से लिंक होने के मामले में भारत ने ट्विटर को कुछ अकाउंट ब्लॉक करने को कहा था। सरकार के निर्देश के बाद ट्विटर ने करीब 500 अकाउंट ब्लॉक किए हैं लेकिन साथ में यह भी कहा है कि वह भारत के सरकार के आदेश को पूरी तरह नहीं मान सकता। ट्विटर ने कहा कि यह आदेश भारत सरकार के कानून के मुताबिक नहीं है।
ट्विटर ने बताया कि उसने कुछ अकाउंट पूरी तरह सस्पेंड कर दिया है जबकि कुछ अकाउंट का एक्सेस सिर्फ इंडिया में बैन किया है। यानी देश के बाहर ये लोग ट्वीट्स कर सकते हैं। भारत सरकार चाहती है कि ट्विटर करीब 1100 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करे। सरकार का आरोप है कि ये अकाउंट नए कृषि बिल के खिलाफ गलत अफवाह फैला रहे हैं। सरकार का यह भी दावा है कि कुछ अकाउंट को पाकिस्तान का सपोर्ट है या सिख अलगाववादी समर्थकों का सपोर्ट है।
सरकार ने पिछले हफ्ते ट्विटर को एक नोटिस भेजकर धमकी दी थी कि अगर वो नियमों का पालन नहीं करता और ट्विटर अकाउंट्स ब्लॉक नहीं करता है तो उसके अधिकारी 7 साल के लिए जेल जा सकते हैं। ट्विटर ने कहा कि वह 500 से ज्यादा ऐसे अकाउंट ब्लॉक कर चुका है जो इस प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कर रहे थे। इसके साथ ही हिंसा भड़काने वाले कई अकाउंट्स के खिलाफ कार्यवाई की गई है। कुछ अकाउंट्स को जियो ब्लॉक किया गया है। यानी इन अकाउंट्स से भारत में ट्वीट नहीं किया जा सकता है। सरकार ने कुछ नए ट्विटर अकाउंट को भी ब्लॉक करने को कहा है। सरकार की दलील है कि बोलने की स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
ट्विटर के अनुसार अभी तक तकरीबन 709 अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार इसमे से 257 ट्विटर हैंडल्स ऐसे हैं जिन्होंने हैशटैग #ModiPlanningFarmerGenocide का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया था। इसमे से 126 ट्विटर हैंडल्स को पहले ही ब्लॉक किया जा चुका है। हालांकि ट्विटर की ओर से साफ किया गया है कि भारत में कानून के अनुसार विचारों की स्वतंत्रता है, लिहाजा मीडिया, पत्रकारों, एक्टिविस्ट और नेताओं के अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।