नई दिल्ली कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच प्रदर्शनकारियों ने आज यानी शनिवार को चक्का जाम किया। 12 बजे शुरू हुआ किसानों का चक्का जाम तीन बजे खत्म हो गया। चक्का जाम के दौरान, प्रदर्शनकारी किसानों ने पलवल हाईवे समेत अन्य राजमार्गों को जाम कर दिया था। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर समूचे देश में राजमार्गों पर चक्का जाम किया गया। किसानों ने सरकार से चाहे जितना लंबा समय लगे जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
We have given time to the government till 2nd October to repeal the laws. After this, we will do further planning. We won't hold discussions with the government under pressure: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/HwqBYDIH5C
— ANI (@ANI) February 6, 2021
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा, 'हमने कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को 2 अक्तूबर तक का समय दिया है। इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे। हम दबाव में सरकार के साथ चर्चा नहीं करेंगे।' वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि 'हमारा चक्काजाम शांतिपूर्ण रहा, 26 जनवरी की घटना के बाद हम सतर्क हैं। कैंप में बाहरी तत्वों की पहचान की जा रही है, आंदोलन में आने वाले आधार कार्ड लेकर आएं। आधार कार्ड नहीं है तो पांच गारंटर जरूरी हैं।'
हरियाणा में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर ट्रैफिक जाम में फंसे यात्रियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की। यह देश के सबसे व्यस्त राजमार्गों में से एक है, यहां से प्रतिदिन लगभग 40,000 वाहन गुजरते हैं। वहीं 3 बजते ही पानीपत टोल प्लाजा खुला तो सारी गाड़िया हॉर्न बजाकर प्रदर्शन को सफल बताने का संदेश देते चक्का जाम को खत्म किया
पंजाब में आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किसानों द्वारा किए गए 'चक्का जाम' के आह्वान के तहत प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया। अमृतसर में दिल्ली-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोल्डन गेट का दृश्य।
शाहजहांपुर टोल पर भी चक्काजाम किया गया। बहरोड़, मंडावर और आसपास के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जाम लगाया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी पूरी तरह किसानों के साथ है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में कुछ वामपंथी कार्यकर्ता दिल्ली के शहीदी पार्क में प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया. प्रदर्शनकारी चक्का जाम के तहत प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि दिल्ली में किसानों ने चक्का जाम न करने का फैसला लिया था.
किसानों के 'चक्का जाम' के मद्देनजर दिल्ली के बॉर्डरों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। दिल्ली में चक्का जाम नहीं होने के बावजूद करीब 50,000 जवानों की तैनाती दिल्ली-एनसीआर में की गई। साथ ही ड्रोन के जरिए निगरानी भी की जा रही थी।