नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर रोक लगाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है. अब इस मामले की सुनवाई 22 जनवरी को होगी.
चीफ जस्टिस ने CAA पर स्टे लगाने की मांग को ठुकरा दिया है. चीफ जस्टिस एस. ए. बोबड़े ने कहा है कि हम इसपर स्टे नहीं लगा रहे हैं. वकील ने इस दौरान कहा कि असम जल रहा है, अभी इस एक्ट पर स्टे की जरूरत है. हालांकि, चीफ जस्टिस ने इस सुनवाई को तुरंत करने से इनकार कर दिया.
नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जो कि चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस बी. आर. गवई, जस्टिस सूर्यकांत की बेंच के सामने लंबित हैं. बेंच ने सभी याचिकाओं को बुधवार को सुनने के लिए कहा था.
याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, त्रिपुरा के शाही परिवार के सदस्य प्रद्योत किशोर देब बर्मन, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा, पीस पार्टी, एम एल शर्मा समेत कई याचिकाकर्ता शामिल हैं. SC में कुल 59 याचिकां CAA के खिलाफ लंबित हैं.
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन हो रहा है. जामिया और सीलमपुर इलाके में इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप भी ले लिया था. इस बीच समाज के कई तबके के लोग प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील कर रहे हैं. दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शन करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन प्रदर्शन के दौरान हिंसा नहीं होनी चाहिए.
दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा, ‘लोकतंत्र में प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है, इससे हमें कोई भी रोक नहीं सकता है. लेकिन ऐसा करते हुए हमें ये भी ध्यान रखना होगा कि हम अपनी भावनाओं को काबू में रखें’. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन में काफी फर्क है. अभी सिर्फ CAA कानून बना है, NRC कानून नहीं बना है. नए कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता नहीं मिलेगी. इसका भारत के मुसलमानों के साथ कोई लेना-देना नहीं है.
नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का विरोध प्रदर्शन जारी है. ममता बनर्जी ने कहा है कि जब तक मैं जिंदा हूं ,मैं एनआरसी और नागरिकता कानून कभी लागू नहीं करूंगी. आप चाहें तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर दें या मुझे सलाखों के पीछे डाल दें लेकिन मैं यह काला कानून कभी लागू नहीं करूंगी.