यूपी में चुनाव को लेकर अब सरगर्मियां तेज हो गयी है सभी पार्टियों ने बिसात पर अपनी चाल बिछानी शुरु कर दी है..भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने यूपी के चुनाव के लिये अब जिम्मेदारियां सौप दी है..
यूपी चुनाव के लिए भाजपा ने प्रभारी व सह प्रभारियों की घोषणा कर दी है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को यूपी चुनाव का प्रभारी बनाया है।इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, अर्जुनराम मेघवाल, शोभा करंदलाजे, अन्नपूर्णा देवी, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, राज्स सभा सदस्य सरोज पांडेय व विवेक ठाकुर को सह प्रभारी बनाया है।वहीं, अलग-अलग क्षेत्रों के लिए भी प्रभारियों की घोषणा कर दी गई है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी लोकसभा सांसद संजय भाटिया को, बृज क्षेत्र का प्रभारी बिहार से विधायक संजीव चौरसिया को, अवध क्षेत्र का प्रभारी राष्ट्रीय मंत्री सत्या कुमार को, कानपुर का प्रभारी राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष सुधीर गुप्ता को, गोरखपुर का प्रभारी राष्ट्रीय मंत्री अरविंद मेनन को व काशी क्षेत्र का सह प्रभारी सुनील ओझा को बनाया गया है।
बता दें कि यूपी चुनाव को लेकर लगभग सभी दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। मुख्य लड़ाई सपा व भाजपा के बीच मानी जा रही है पर बसपा भी मुकाबले में होने का दावा कर रही है।
यह चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव के नजरिये से भी महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। कहा जा रहा है कि अगर भाजपा यूपी चुनाव जीतने में कामयाब रही तो 2024 में भी जीत की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। हालांकि, किसान आंदोलन भाजपा के लिए चुनौती बनता जा रहा है।
मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में लाखों किसानों की मौजूदगी ने भाजपा की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। हालांकि, योगी सरकार की तरफ से किसानों को अपने पाले में लाने की कोशिशें जारी हैं। योगी सरकार का दावा है कि इस सरकार में जितना किसानों के लिए किया गया है उतना किसी भी सरकार में नहीं किया गया है। वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी की गारंटी देने के लिए अड़े हुए हैं।
वही बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन में लगातार ब्राह्मणों के बढ़ते हुये जनसैलाब से भाजपा की मुश्किल बढ़ गयी है, बसपा के महासचिव सतीशचन्द्र मिश्रा ने पूरे प्रदेश में ब्राह्मण सम्मेलन कर बसपा की उम्मीदों को बढ़ाया है..वही कल मायावती के लखनऊ में ब्राह्मण सम्मेलन में पहुंचने से और मायावती के ये कहने से कि जब आगे सरकार बनेगी तो पूरी ताकत यूपी की तस्वीर बदलने पर लगाऊंगी. लेकिन कुछ धर्म-जाति के लोग चाहते हैं कि अगर उनके संत, गुरुओं का आदर सम्मान करें तो ऐसा जरूर किया जाएगा. बीएसपी ये वादा करती है की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज का पूरा ख्याल रखा जाएगा उन्हें उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा जो भी गलत कार्रवाई की गई है उसमें जिन अधिकारियों को दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
ऐसे मे भारतीय जनता पार्टी अपनी रणनीति तुरंत प्रभाव से शुरु करना चाहती है और पूरे प्रदेश में अपने प्रतिनिधियों को जन-जन तक लगाना चाहती है..