महाराष्ट्र मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भाजपा-शिवसेना के पास अब केवल 48 घंटे ही बचे हैं. क्योंकि 8 नवंबर को राज्य की विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने वाला है. शिवसेना मुख्यमंत्री पद की अपनी मांग से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है. महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का एक शिष्टमंंडल गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला. इस बीच, शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि राज्य में नया मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा. वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि नई सरकार देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में बननी चाहिए.
सीएम पद को लेकर भाजपा ने साफ कर दिया है कि फडणवीस ही अगले पांच साल के लिए मुख्यमंत्री होंगे. शिवसेना के यह बात गले नहीं उतर रही है और सरकार बनाने के लिए बीजेपी के साथ 50-50 फार्मुले पर चलकर ढ़ाई साल अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री चाहती है.
चिंता का विषय है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार बनाने के लिए सिर्फ 48 घंटे का समय बचा है. अगर 9 नवंबर तक दोनों दल सहमती के साथ राज्यपाल का सरकार बनाने का प्रस्ताव नहीं पेश करते हैं तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है. ऐसे में अगर दोनों दल समय से प्रस्ताव राज्यपाल को दे देते हैं तो उसके बाद भी सिर्फ 48 घंटे के समय में ही सरकार बनाने की सारी प्रक्रिया करनी होंगी जिनमें विधानसभा सत्र के साथ-साथ शपथ ग्रहण भी शामिल है.
दूसरी ओर शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर अवैध विधायकों की अवैध खरीद वका आरोप लगाया है. शिवसेना ने अपने संपादकीय मुखपत्र सामना में कहा कि महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी से हों और साथ ही उन्होंने सरकार बनाने पर गतिरोध को तोड़ने के लिए धन शक्ति का उपयोग करने का आरोप लगाया.