राजस्थान में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच कांग्रेस विधायक दल की जयपुर में मुख्यमंत्री निवास पर हुई. इस बैठक में 109 विधायकों के पहुंचने का दावा पार्टी ने किया है. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत होती है...
बैठक में सरकार को कमजोर करने वालों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया और कार्रवाई की मांग की गई. इसमें सचिन पायलट या किसी अन्य विधायकों का नाम नहीं है. कांग्रेस विधायक दल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया. सोनिया गांधी व राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया...
बैठक खत्म होने के बाद चार बसें मुख्यमंत्री के आवास के बाहर देखी गई. इन बसों से विधायकों को रिजॉर्ट भेजा गया है...प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा बगावती तेवर अपनाए जाने से उपजे संकट के बीच यह बैठक सुबह साढे़ दस बजे शुरू होनी थी लेकिन दोपहर लगभग डेढ़ बजे यह शुरू हुई. बैठक शुरू होने से पहले मीडिया को वहां मौजूद विधायकों व नेताओं की फोटो लेने की अनुमति दी गयी.
वहां मौजूद विधायकों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीधा कोई जवाब नहीं दिया.गहलोत खेमे ने दावा किया है कि उनके पास 109 विधायक हैं. यानी बहुमत के आंकड़े 101 से ज्यादा विधायक उनके पास हैं.
हालांकि, सचिन पायलट का कहना है कि उनके पास 25 विधायक हैं. लेकिन फिलहाल अशोक गहलोत की सरकार बचती नजर आ रही है. अब प्रियंका गांधी ने भी इस संकट को खत्म करने के लिए मार्चो संभाल लिया है. प्रियंका के अलावा राहुल गांधी समेत कुल 5 बड़े नेताओं ने पायलट से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश की है...
तो वही बीजेपी के अमित मालवीय ने कहा कि इस स्थिति में अशोक गहलोत को तुरंत फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाना चाहिए. उन्हें बहुमत साबित करना चाहिए, ड्रामे से राजस्थान को बचाना होगा. शासन के काम को आगे बढ़ाना होगा. लेकिन अगर वह अपने विधायकों को रिसॉर्ट में भेज रहे हैं, तो स्पष्ट रूप से उनके पास संख्या नहीं है...