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अयोध्या राम मंदिर केस: खुले में पेट्रोल-तेजाब ब्रिकी पर रोक के साथ यूपी में हाई अलर्ट, हेलिकॉप्टर से होगी निगरानी

[Edited By: Admin]

Friday, 8th November , 2019 04:19 pm

अयोध्या में राम जन्मभूमि मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने वाला है इसके मद्देनजर यूपी के सभी जिलों खासतौर पर फैजाबाद (अयोध्या) में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. गाजियाबाद प्रशासन ने पेट्रोल, तेजाब समेत ज्वलंतशील पद्धार्थों की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है. गाजियाबाद के एसडीएम सदर ने आदेश जारी किया, जिसका पालन न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. इसके साथ ही पुलिस प्रशासन की ओर से फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है.

देश की शीर्ष अदालत भी उत्तर प्रदेश में हर प्रकार की तैयारियों को परखना चाह रही है. इसी क्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई उत्तर प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों से भेंट की. भारत के मुख्य न्यायाधीश अपने चेम्बर में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी तथा डीजी पुलिस ओपी सिंह के साथ अयोध्या मामले का फैसला आने के बाद सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम को लेकर बैठक कर रहे थे. जहां अब यह बैठक खत्म हो चुकी है और मुख्य सचिव, डीजीपी समेत सभी अधिकारी सुप्रीम कोर्ट से निकल गए हैं.

पूरे देश में यह चर्चा तेज है कि अयोध्य को लेकर फैसला कभी भी आ सकता है. इसे लेकर ना सिर्फ उत्तर प्रदेश और बल्कि पूरे देश की पुलिस को सतर्क कर दिया गया. इस बीच शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी तथा पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह से अपने चेम्बर में मुलाकात करेंगे. जहां तुरंत मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी तथा पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के साथ अन्य वरिष्ठ पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी नई दिल्ली पहुंच गए.

विवाद की नींव 1528 की

अयोध्या का विवाद की नींव 1528 मानी जा रही है. ऐसा माना जाता है कि सम्राट बाबर ने मस्जिद बनवाई थी. ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या में जहां मस्जिद बनवाई गयी, वहां हिंदू श्रीराम का जन्म स्थान मानते हैं. लोग बताते हैं कि  बाबर के सेनापति मीर बाकी ने बाबरी मजिस्द का निर्माण करवाया था.

बाबर का जन्म फ़रगना घाटी के अन्दीझ़ान नामक शहर में हुआ था जो अब उज्बेकिस्तान में है. वो अपने पिता उमर शेख़ मिर्ज़ा, जो फरगना घाटी के शासक थे तथा माता कुतलुग निगार खानम का ज्येष्ठ पुत्र था. हालांकि बाबर का मूल मंगोलिया के बर्लास कबीले से सम्बन्धित था पर उस कबीले के लोगों पर फारसी तथा तुर्क जनजीवन का बहुत असर रहा था. बाबर 1526 में भारत आया. 1528 तक उसका साम्राज्य अवध (वर्तमान अयोध्या) तक पहुंच गया.

लोग बताते है कि अयोध्या विवाद में पहली बार हिसां 1853 हुई. इसके बाद से विवाद ने तूल पकड़ा. मजिस्द के स्थान पर पहले मंदिर होने का दावा किया गया. इसके बाद 1859 में ब्रिटिश शासकों ने विवादित स्थल पर बाड़ लगा दी और परिसर के भीतरी हिस्से में मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिन्दुओं को प्रार्थना करने की अनुमति दे दी.

वहीं इसी मामले को लेकर रजनीकांत ने भी लोगों से अपील की है. रजनीकांत ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा है कि मैं लोगों से शांत रहने और फैसले का सम्मान करने की अपील करता हूं. कहा कि कुछ लोग यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि मैं बीजेपी का आदमी हूं. यह सच नहीं है. कोई भी राजनैतिक दल खुश होगा अगर कोई भी उनका साथ देगा. लेकिन फैसला लेना मेरे ऊपर है. 

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