कानपुर को जाम से निजात दिलाने के लिए 800 करोड़ की लागत से लगभग 32 किलोमीटर का गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेस वे की कई जगह अन्य मार्गों से कनेक्टिविटी दी जाएगी ताकि आसानी से लोग शहर में एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंच जाएं और बिना शहर के मार्गों पर आए बाहर निकल सकें। इस परियोजना के लिए शासन ने कंसल्टेंट नियुक्त करने की जिम्मेदारी यूपीसीडा को सौंपी है।
इसी कड़ी में परियोजना को गति देने के लिए शासन स्तर से गठित समिति की बैठक हुई। जिसमें मंडलायुक्त राजशेखर शामिल हुए बैठक में कमिश्नर ने परियोजना की समीक्षा की। इस महत्वपूर्ण योजना को धरातल पर लाने की कार्यवाही आरम्भ करते हुए कानपुर आयुक्त ने कहा कि इस परियोजना से शहर के आंतरिक क्षेत्रों का यातायात सुगम एवं तीव्रगामी हो जाएगा और नगर के प्रत्येक क्षेत्र से गंगा बैराज के लिए संपर्क मार्ग बन जायेगा। यह परियोजना दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद, अहमदाबाद की तरह कानपुर नगर को आधुनिक स्वरूप देने वाली होगी और ऐसी योजनाओं के विकास से कानपुर वास्तवित रूप से महानगर बन जायेगा। मंडलायुक्त राजशेखर ने ये भी कहा यद्यपि ये योजना बड़ी लागत वाली है लेकिन महत्वपूर्ण उपयोगी है। इसकी डीपीआर बनने के बाद मुख्य सचिव के साथ बैठक करके इसके निर्माण के लिए भारत सरकार व अन्य संसाधनों से वित्त पोषण के लिए कार्यवाही कराई जाएगी।
राजशेखर ने यूपीसीडा के अधिकारी को निर्देश दिया कि इस योजना की शासन के निर्देशानुसार इसकी डीपीआर बनाने की कार्यवाही आरम्भ की जाए। यूपीसीडा के अधिकारी ने बताया कि डीपीआर के लिए आरएफपी. तैयार कर ली गयी है। और सभी सम्बंधित विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, केस्को से इनपुट दिए जाने के लिए पत्र भेजा जा रहा है।