आईआईटी कानपुर और आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों की मदद से एपिक फाउंडेशन दिल्ली एवं अन्य प्रदेशों में इलेक्ट्रॉनिक सिटी विकसित करेगा। जहां नई टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद तैयार किए जा सकेंगे। यह एक ऐसी कंपनी होगी जो देश को विकास की परियोजना की तरफ लेकर जाएगी। यह सब बातें गुरुवार देर शाम दिल्ली में हुए आयोजन में तय हुई है। इसको लेकर नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत की मौजूदगी में मौजूद थे। दरअसल आईआईटी कानपुर की मदद से एपिक फाउंडेशन इलेक्ट्रानिक्स बाजार को न सिर्फ दुनिया में नई पहचान दिलाएगा, बल्कि एक ब्रांड को तैयार करने के बाद उसे दुनिया के सामने लॉन्च भी करेगा। इसी को लेकर आईआईटी कानपुर के साथ एक एमओयू साइन किया गया है।
आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश....
इस स्टार्टअप को शुरू करने से पहले एचसीएल के संस्थापक और सेमी-कंडक्टर उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने एपिक फाउंडेशन की स्थापना की थी, जो गैर लाभकारी संगठन होने के साथ भारतीय इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों को दुनिया में ब्रांड के रूप में पहचान दिलाने पर काम कर रहा है। एपिक फाउंडेशन उद्योग व शिक्षा दोनों को जोड़कर मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने में आईआईटी कानपुर और आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिक मदद करेंगे। जिससे सेमीकंडक्टर चिप की डिजाइन से लेकर निर्माण तक काम देश में होगा। वर्तमान में दुनिया के इलेक्ट्रॉनिक बाजार में भारत की हिस्सेदारी 10 फीसदी से भी कम है। एपिक फाउंडेशन दिल्ली में एक इलेक्ट्रॉनिक सिटी की स्थापना करने जा रहा है, जिसके लिए दिल्ली सरकार के साथ समझौता हो गया है। जल्द ही यह समझौता अन्य प्रदेशों में होगा, जहां इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद तैयार किए जाएंगे। समझौते के समय आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर के अलावा भारत सरकार के अधिकारी श्रीवारी चंद्रशेखर, अमितेश कुमार सिन्हा आदि मौजूद रहे।