Trending News

IIT दिल्ली ने लैब में वेज मीट और मछली बनाई

[Edited By: Rajendra]

Monday, 21st December , 2020 06:36 pm

किसी को कुपोषण की समस्या है, तो किसी को डॉक्टर से नॉन वेज खाने की सलाह दी है। लेकिन परिवार में मीट, मछली और अंडा नहीं खाया जाता। ऐसे में लोगों को परेशानी होती है। यही कारण है कि अब IIT दिल्ली ने प्लांट बेस्ड मीट और मछली तैयार की है। इसे वेजिटेरियन लोग भी खा सकते हैं।

दिल्ली IIT की प्रोफेसर काव्या और उनकी टीम ने वेज मीट और मछली तैयार की है। काव्या को UN से अवॉर्ड भी मिल चुका है।

IIT दिल्ली पहले भी बना चुकी है वेज अंडा, इसके लिए मिला है इंटरनेशनल अवॉर्ड

खास बात यह है कि आईआईटी दिल्ली के सेंटर फॉर रूरल डवलपमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने जो मीट तैयार किया है उसके स्वाद से लेकर खुशबू तक बिल्कुल असली मीट जैसी है। इसे मॉक मीट कहा जा रहा है। पिछले करीब दो साल से IIT दिल्ली की प्रो. काव्या दशारा और उनकी टीम पोषक व सुरक्षित प्रोटीन प्रोडक्ट पर काम कर रही है।

प्रो. काव्या को यूनाइटेड नेशंस डवलपमेंट प्रोग्राम की ओर से मॉक एग के इनोवेशन के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है। इस प्रोडक्ट के लिए UN की टीम ने IIT दिल्ली में विजिट की थी और इस वेजिटेरियन अंडे को पका कर भी देखा गया।

काव्या कहती हैं कि बेशक मीट प्रोटीन दालों के प्रोटीन से बेहतर है लेकिन इसमें भी अब प्रोडक्शन के लिए हार्मोन आदि का उपयोग हो रहा है और ये सुरक्षित नहीं रह गया। लगातार स्टडी में पाया कि कुछ अनाजों का प्रोटीन बिल्कुल मीट प्रोटीन के बराबर ही है। एनिमल प्रोटीन में बाइट साइज और माउथ फील अच्छा रहता है।

अपने इस प्लांट बेस्ड मीट और मछली के ट्रायल के लिए प्रोफेसर काव्या ने बंगाल और पूर्वांचल के लोगों को बुलाया था, जिनके रोज के खाने का ये हिस्सा है। ये ब्लाइंड टेस्टिंग थी। उन्होंने इसे मछली ही बताया और सभी लोगों ने इसे चाव से खाया कोई नहीं पहचान पाया कि ये मछली नहीं है। खास बात है कि इस मॉक मछली से ओमेगा थ्री की जरूरत भी पूरी हो जाएगी।

चिकन के लिए उन्होंने बर्गर, बन और काठी रोल में भी इसको ट्राई किया। अब टीम इंडस्ट्री के मानक के हिसाब से इसे तैयार करने का प्रयास कर रही है।

Latest News

World News