लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मूल मंत्र पर इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है। दरअसल, आईआईए और बिग एल्फा के संयुक्त अभियान Empowering Women के तहत ब्लॉक स्तर पर महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत गांव, जिलों और शहरों की महिलाओं की प्रतिभा को निखारा जा रहा है और उनके रचनात्मक विचारों को मंच प्रदान किया जा रहा है।
क्या है Empowering Women कार्यक्रम
दरअसल, आईआईए और बिग एल्फा ने मिलकर Empowering Women प्रोग्राम लॉन्च किया है जिसके अंतरगत महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन प्रशिक्षण में उन्हें एलईडी लाइट्स, दिवाली की लड़ियां, झूमर आदि बनाना सिखाया जा रहा है। बुधवार को आईआईए भवन में ऐसा ही एक प्रशिक्षण शिविर लगाया गया है जिसमें अलग-अलग जनपदों की लगभग 25 महिलाओं को इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाना सिखाया गया है। इसके बाद आईआईए और बिग एल्फा इन महिलाओं को टूलकिट, रॉ मटेरियल्स और अन्य संसाधन उपलब्द कराएगा और महिलाएं इनसे उत्पाद बनायेंगी। इन उत्पादों को महिलाएं सीधे बाज़ारों में भी बेच सकती हैं।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा बढ़ावा
आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल का कहना है कि इस प्रोग्राम से रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा है कि आज के समय में महिलाएं किसी भी विधा में पीछे नहीं हैं, बस उन्हें प्लेटफार्म की जरूरत है। हम उन महिलाओं को प्लेटफार्म दे रहे हैं जो गांव, गली मोहल्लों में रहकर अपनी प्रतिभा को उजागर नहीं कर पाती हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर महिला के रचनात्मक विचारों को एक मंच मिले।
अशोक अग्रवाल ने बताया है कि इस अभियान के तहत महिलाओं को इलेक्ट्रोनिक आइटम्स बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चाइना के प्रोडक्ट्स ने भारतीय बाज़ारों पर कब्ज़ा जमा लिया था। प्रशिक्षण के इस कार्यक्रम में महिलाओं को चाइना से भी अच्छे इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन प्रोडक्ट्स को हम एक्सपोर्ट करेंगे जिससे निर्यात को बढ़ावा मिले, साथ ही महिलाओं को रोज़गार के क्षेत्र में जोड़ा जाए। उन्होंने बताया, ‘ आज 25 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। हालांकि, यह कार्यक्रम तहसीलों में होगा लेकिन आज एक प्रतीकात्मक तौर पर आईआईए भवन में शिविर लगाया गया है। सीमित जगह होने के कारण महिलाओं कि संख्या भी कम है लेकिन जब तहसीलों में इसका आयोजन होगा तो संख्या भी अधिक होगी और प्रशिक्षण भी अधिक ही होगा।’
चाइना से बेहतर प्रोडक्ट्स होंगे तैयार, बढ़ेगा रोज़गार
वहीं, बिग एल्फा के सीनियर मैनेजर रवि पाण्डेय ने बताया है कि जिन प्रोडक्ट्स को बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है उन प्रोडक्ट्स की इंडियन मार्केट में डीमांड काफी ज्यादा है। शायद इसी वजह से चाइना से लगभग 13 हज़ार करोड़ का इम्पोर्ट होता था। हालांकि, अब मेक इन इंडिया के तहत इससे अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट्स को तैयार करने की ट्रेनिंग महिलाओं को दी जा रही है। उन्होंने कहा है कि इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत को तेज़ी मिलेगी और अंतराष्ट्रीय बाज़ारों में एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा।
रवि पाण्डेय ने बताया है कि आज महिलाओं को एलईडी लाइट, दिवाली की लड़ियां, झूमर आदि बनाने के तरीके सिखाए जा रहे हैं। ये कार्यक्रम ब्लॉक और गांव स्तर पर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया, ‘जिन महिलाओं को आज प्रशिक्षण दिया जा रहा है वे कल से अपने घरों में काम करेंगी और हम उन्हें कच्चा माल, टूलकिट आदि मुहैया कराएंगे।