उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रभाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया है कि विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए। उनसे कहा जाए कि चुनाव प्रचार दूरदर्शन और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। पार्टियों की चुनावी सभाएं एवं रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।
#Omicron: Allahabad High Court on Thursday requested Election Commission of India to immediately ban election rallies & postpone the Assembly polls, if possible, for 1-2 months
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 23, 2021
The bench of Justice Shekhar Kumar Yadav also urged PM Modi to consider banning election gatherings pic.twitter.com/IPPxmun8Vj
न्यायमूर्ति शेखर कुमार जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत पर सुनवाई कर रहे थे। संजय के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट में मुकदमा दर्ज है। उसे बृहस्पतिवार को जमानत मिल गई। हाईकोर्ट ने कहा कि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें, क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि दैनिक समाचार पत्र के अनुसार 24 घंटे में 6 हजार नए मामले मिले हैं। 318 लोगों की मौतें हुई हैं। यह समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है। इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। ऐसी दशा में महानिबंधक, उच्च न्यायालय इलाहाबाद से कहा है कि वह इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाएं।
भीड़ को नहीं रोका तो परिणाम दूसरी लहर से भी भयावह
हाईकोर्ट ने कहा कि दूसरी लहर में लाखों की संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई। ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव ने लोगों को काफी संक्रमित किया, जिससे लोग मौत के मुंह में गए। अब यूपी विधानसभा का चुनाव निकट है। सभी पार्टियां रैली, सभाएं करके भीड़ जुटा रहीं हैं, जहां किसी भी प्रकार का कोरोना प्रोटोकॉल संभव नहीं है और इसे समय से नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे।
कोर्ट में नहीं होती है सोशल डिस्टेंसिंग
न्यायमूर्ति जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि इस न्यायालय के पास करीब 400 मुकदमे सूचीबद्ध हैं। इसी प्रकार से रोज मुकदमे सूचीबद्ध होते हैं। इस कारण बड़ी संख्या में अधिवक्ता आते हैं। उनके बीच किसी भी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होती है। वह आपस में सटकर खड़े होते हैं, जबकि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। साथ ही तीसरी लहर आने की संभावना है।
टीकाकरण अभियान की प्रशंसा भी की
हाईकोर्ट ने टीकाकरण अभियान की प्रशंसा की। कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में कोरोना मुफ्त टीकाकरण का अभियान चलाया है, जो प्रशंसनीय है। प्रधानमंत्री से कोर्ट अनुरोध करती है कि इस भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाएं।