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Toolkit Case :दिशा और निकिता ने की थी खालिस्तानी आतंकी धालीवाल के साथ मीटिंग

[Edited By: Punit tiwari]

Monday, 15th February , 2021 02:32 pm

नई दिल्ली-ग्रेटा टूलकिट मामले से जुड़ी दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस अब निकिता जैकब और शांतनु को ढूंढ रही है। उसने दिल्ली की एक अदालत में दोनों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है जिसके आधार पर कोर्ट ने इन दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया है। टूलकिट केस में बेंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है जिसे अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 13 फरवरी को क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया था। उन पर खालिस्तान मूवमेंट को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। दिशा की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले पर ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है।

टूलकिट मामले में गिरफ्तार की गई 21 साल की एक्टिविस्ट दिशा रवि के समर्थन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शायराना अंदाज में सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि 'डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से'।

वहीं इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि 21 साल की लड़की दिशा रवि की गिरफ्तारी भारतीय लोकतंत्र पर हमला है। क्या इस देश में किसानों का समर्थन करना अपराध है।

 

खालिस्तानी आतंकी के साथ मीटिंग कर चुकी है निकिता?

सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी संगठन पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल ने निकिता से उसके सहयोगी पुनीत के जरिए संपर्क किया। मकसद गणतंत्र दिवस से पहले ट्विटर पर तूफान खड़ा करना था। गणतंत्र दिवस से पहले निकिता, दिशा और कुछ अन्य लोगों ने धालीवाल के साथ जूम पर मीटिंग की थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल चार दिन पहले यानी 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर जाकर उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की पड़ताल की थी। दिल्ली पुलिस ने तब निकिता से कहा था कि वो फिर से आएगी, लेकिन दोबारा पहुंचने पर निकिता गायब थी।दिल्ली पुलिस का कहना है कि निकिता गिरफ्तारी से बचने के लिए छिप रही है। उसने अंतरिम जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में आवेदन दिया है।


क्या है टूलकिट

इन दिनों टूलकिट चर्चा का विषय बना हुआ है। आमतौर पर टूलकिट को आंदोलन का आगे बढ़ाने वाला दस्तावेज कहा जाता है। किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट में सभी जानकारियां थी, जैसे- कब किसे ट्वीट करना है, कब ट्वीट करने से ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा किन-किन हस्तियों से आंदोलन को समर्थन दिलवाना है। दिल्ली पुलिस का मानना है कि लालकिला हिंसा में इस टूलकिट का बड़ा रोल था।


कौन है निकिता जैकब?

विवाद छिड़ने पर निकिता ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर लिया था। दावा किया जा रहा है कि तब उसने अपने प्रोफाइल में खुद का परिचय बॉम्बे हाई कोर्ट की वकील, पर्यावरणविद और आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े होने के रूप में दे रखा था। हालांकि, नए प्रोफाइल में उसने आम आदमी पार्टी से अपने संबंध की बात हटा दी है। ट्विटर यूजर विजय पटेल ने दावा किया है कि निकिता ने 30 जनवरी, 2021 को 'सॉलिडेरिटी विद इंडियन फार्मर्स' के नाम डॉक्युमेंट तैयार की थी।

दावा है कि वो इंस्टाग्राम पर News Infuse नाम से एक अकाउंट भी बना रखा है जहां पर वो प्रॉपगैंडा फैलाती रहती है। निकिता ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया है। इस वेबसाइट पर उसने अपना परिचय देते हुए बताया है कि वो एक वकील है। साथ ही, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करती रहती है। वेबसाइट के मुताबिक, निकिता सही के पक्ष में खड़ा होना चाहती है लेकिन आखिर में वो अनचाहे गलती कर बैठती है। वो अपने बारे में कहती है कि उसे कोई भी आसानी से प्रभावित कर सकता है।

निकिता अपने बारे में बताते हुए कहती है कि वो लेखक, गायिका और वॉइस आर्टिस्ट बनना चाहती है। फोटॉग्राफी भी कर लेती है और खाना भी बना लेती है। वो कहती है कि उसे वर्गविभेद बिल्कुल पसंद नहीं है। वो कहती है, "मैं किसी भी उम्र या पृष्ठभूमि के व्यक्ति से बातचीत करके आसानी से जुड़ सकती हूं।" वो खुद को गहन आलोचक बताती है और कहती है कि उसे तथ्यों और आंकड़ों का तार्किक और भावनात्कम, दोनों स्तर पर विश्लेषण करना पसंद अच्छा लगता है। निकिता मुंबई में एक कैथलिक इसाई परिवार में जन्मी है।

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