अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी देश के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी हैं। उनके मोदी सरकार के साथ रिश्तों को लेकर भी विरोधियों द्वारा सवाल उठाए जाते रहे हैं। अक्सर कारोबारी मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी का नाम लेकर भी विपक्षियों की तरफ से सरकार द्वारा उनके ऊपर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही जाती है। लेकिन अब उद्योगपति गौतम अडाणी मोदी सरकार के समर्थन में खुलकर उतर आई हैय़ प्रियदर्शनी एकेडमी के एक कार्यक्रम में कोरोना काल के दौरान सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों का बचाव करते हुए गौतम अडाणी ने आलोचकों को निशाने पर लिया है। उन्होनें कहा कि सरकार की आलोचना राष्ट्रीय मान-सम्मान और देश के विश्वास को ठेस पहुंचाने की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
कोरोना काल में सरकार के उठाए गए प्रयासों का किया बचाव
अडाणी ने देश में कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों का बचाव किया है। इसके साथ ही कहा कि आलोचना राष्ट्रीय मान-सम्मान तथा देश के विश्वास को ठेस पहुंचाने की कीमत पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने जिस तरह से महामारी का मुकाबला किया वह अपने-आप में सभी के लिए सबक है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए आत्मनिर्भरता से बेहतर कोई बचाव नहीं है।
महामारी से लड़ने के लिए हमें अकेला छोड़ दिया गया था
अडाणी समूह के चेयरमैन ने कहा कि अगले दो दशक में भारत की सबसे बड़ी और युवा मध्यम वर्गीय आबादी होगी। भारत एक ऐसा बाजार होगा जिसे प्रत्येक वैश्विक कंपनी लक्ष्य करना चाहेगी। अडाणी ने कहा, ‘‘इस उत्साह में हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महामारी से लड़ने के लिए हमें अकेला छोड़ दिया गया था। इसका मतलब यह नहीं है कि आलोचना नहीं हो सकती। लेकिन यह आलोचना राष्ट्रीय मान- प्रतिष्ठा और देश के भरोसे को नुकसान पहुंचाने की कीमत पर नहीं होनी चाहिए। यह समाज को बांटने के लिए नहीं होनी चाहिए। अन्यथा हम उन लोगों के हाथों में खेलने लगेंगे जो भारत को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते।’’
निकट भविष्य में हजारों अरब डॉलर के अवसर होंगे
अडाणी ने कहा, ‘‘चाहे हरित दुनिया के लिए सतत प्रौद्योगिकी की बात हो या भारत को जोड़ने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी, अधिक साक्षर भारत के लिए शिक्षा समाधान, स्वस्थ भारत के लिए चिकित्सा समाधान, किसानों के लिए कृषि समाधान या अन्य अनुकूल ढांचे की बात हो, निकट भविष्य में ये हजारों अरब डॉलर के अवसर होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये आत्मनिर्भरता की आधारशिला रखेंगे। इस यात्रा को हमारे देश की कंपनियों को आगे बढ़ाना चाहिए।’’उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों के बीच व्यापार और वित्त का विस्तार, एकीकरण और अधिक गहराई से जुड़ना तय है।