केंद्र सरकार की तरफ से शनिवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर री-ऑर्गनाइजेशन संशोधन बिल 2021 पेश किया गया है। यह बिल जम्मू और कश्मीर री-ऑर्गनाइजेशन अध्यादेश की जगह लेगा। राष्ट्रपति की तरफ से पिछले माह साल 2019 के जम्मू कश्मीर री-आर्गनाइजेशन एक्ट में बदलाव की मंजूरी दी गई थी। गृह राज्य मंत्री जी कृष्ण रेड्डी की तरफ से बिल को लोकसभा में पेश किया गया। उन्होंने सदन में कहा कि पिछले दो सालों में जम्मू और कश्मीर में तेजी से विकास कार्य हुआ है। सरकार की तरफ से राज्य के विकास के लिए कई एतिहासिक और क्रांतिकारी फैसले लिए गए हैं। उनका कहना था कि सरकार, जम्मू कश्मीर को विकास के रास्ते पर आगे लेकर जाना चाहती है।
खत्म हुआ जम्मू कश्मीर कैडर
इस बिल के तहत जम्मू कश्मीर कैडर को खत्म कर दिया गया है। इस कैडर के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वानिकी सेवा के साथ अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और संघ शासित कैडर के साथ मिला दिया गया है। इसे एजीएमयूटी कैडर के तौर पर जाना जाएगा। इस एक्ट के बाद ऑल इंडिया सर्विसेज ऑफिसर्स के तहत जम्मू कश्मीर और लद्दाख के को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और संघ शासित राज्यों में भावी आवंटन दिया जाएगा।
केंद्र सरकार की तरफ से इस बाबत एक अधिसूचना जारी की जाएगी। गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर जम्मू-कश्मीर के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस कैडर को खत्म करने के बारे में इत्तिला दी।गृह राज्य मंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने बताया कि सरकार की तरफ से 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाने के बाद करीब 170 केंद्रीय कानूनों को लागू किया गया है।
दूसरे राज्यों में भी होगी तैनाती
इस बिल के पहले तक जम्मू-कश्मीर कैडर के अफसरों को दूसरे राज्यों में नियुक्त नहीं किया जाता था। नए आदेश के बाद यह प्रतिबंध खत्म हो सकेगा। यहां के अधिकारी दूसरे राज्यों में तैनात किए जा सकेंगे। राजधानी दिल्ली भी एजीएमयूटी कैडर के तहत आती है। इसलिए अब दिल्ली कैडर के अफसर भी जम्मू-कश्मीर में तैनात किए जा सकेंगे। जम्मू-कश्मीर कैडर के अफसर दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मिजोरम में की जा सकेगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाकर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। केंद्र सरकार ने जनवरी में एक गजट जारी कर इस बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी थी। इस ऑर्डिनेंस में 239ए के सेक्शन 13 और ऑल इंडिया सर्विसेज के सेक्शन 88 में परिवर्तन किया गया है।
ऑफिसर्स की भारी कमी को दूर करना
सरकार का कहना है कि जम्मू कश्मीर में ऑफिसर्स की कमी को दूर करने के मकसद से दो कैडर्स को एक साथ करने का फैसला किया गया है। बिल के मुताबिक, ‘ जम्मू कश्मीर में ऑल इंडिया सर्विसेज ऑफिसर्स की भारी कमी है। विकास योजनाओं जिन्हें केंद्र की तरफ से मदद दी गई है और दूसरी गतिविधियों को ऑफिसर्स की कमी का खामियाजा उठाना पड़ रहा है।’ सरकार का कहना है कि संघ शासित राज्यों के प्रशासन में एकरूपता बनाए रखने और शासन की क्षमता बढ़ाने के लिए बिल को लाया गया है। कहीं न कहीं यह कदम अधिकारियों को राजनीतिक रूप से प्रभावित होने से बचाने के मकसद से भी उठाया गया लगता है, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है।