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अलविदा-2020 : साल 2020 की बड़ी खबरों पर डालते हैं एक नजर

[Edited By: Punit tiwari]

Thursday, 31st December , 2020 04:17 pm

राम मंदिर के शिलान्यास ने धार्मिक हर्ष को चरम पर पहुंचाया तो कोरोना के खौफ के बीच कभी मरकज तो कभी तबलीगी जमात चर्चा में रही। इस बीच सैकड़ों किलोमीटर तक पैदल जाते प्रवासियों का दर्द ताउम्र सालता रहेगा। दरअसल, साल 2020 अब विदा लेने की तैयारी कर चुका है। अब यह महज एक नंबर बनकर रह जाएगा, लेकिन बीते 365 दिन के दौरान हुईं घटनाएं शायद ही कभी भूली जाएं। इस रिपोर्ट में हम ऐसी ही कई बड़ी घटनाओं से आपको रूबरू कराएंगे, जिन्होंने 2020 के दौरान हमें हंसाया तो रुलाया भी....


सीएए और एनआरसी का विरोध

साल 2020 की शुरुआत सीएए और एनआरसी के विरोध के साथ हुई थी, लेकिन फरवरी आते-आते तपिश इतनी ज्यादा बढ़ गई कि दिल्ली के साथ साथ देश के कई हिस्से इसकी चपेट में आकर झुलस गए। दरअसल, 23 फरवरी से 29 फरवरी तक दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में दंगा होता रहा।

इस दौरान 53 लोगों ने जान गंवाई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए। इस दौरान कड़ाके की ठंड के बीच शाहीन बाग में सैकड़ों महिलाएं सीएए और एनआरसी के विरोध में महीनों तक सड़क पर बैठी रहीं।


कोरोना का कहर

दिल्ली दंगों की आंच से देश उबरने के लिए देश होली के रंगों का सहारा ले ही रहा था कि पूरी दुनिया में खौफ का पर्याय बन चुके कोरोना वायरस ने भारत में भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया। वैसे तो देश में कोरोना के मामले जनवरी 2020 के दौरान ही सामने आए थे, लेकिन 17 मार्च को कर्नाटक में पहली मौत दर्ज की गई।

इसके बाद कोरोना के खूनी पंजों में भारत भी फंस गया और अब तक देश में एक करोड़ से ज्यादा लोग इस खौफनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, करीब डेढ़ लाख लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।


लॉकडाउन में लोगों का पलायन


कोरोना के चंगुल से देश को बचाने के लिए 25 मार्च से 21 दिन का पूर्ण लॉकडाउन लगाया। उस दौरान ट्रेन, बस और हवाई जहाज के साथ-साथ आम जनजीवन भी थम गया। लेकिन इसी दौर में देश ने ऐसा दर्दनाक नजारा देखा, जो इससे पहले 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान ही नजर आया था।

दरअसल, दिल्ली-मुंबई में रहने वाले हजारों लोग कोई भी साधन न होने पर पैदल ही अपने-अपने घर जाने लगे। उस दौरान सरकार ने न तो उन लोगों को समझाने की कोशिश की और न ही उनकी कोई मदद। 8 मई को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेलवे ट्रैक पर सो रहे 16 मजदूरों पर मालगाड़ी गुजरने के हादसे ने इस दर्द को और बढ़ा दिया। 


निर्भया के दोषियों को सजा


देश के इतिहास में 20 मार्च 2020 को इंसाफ की तारीख के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। दरअसल, इसी दिन निर्भया के चारों दोषियों पवन, मुकेश, अक्षय और विनय को तिहाड़ के जेल नंबर तीन में फांसी के तख्ते पर लटकाया गया और करीब सात साल पहले 16 दिसंबर 2012 की उस खौफनाक रात का हिसाब-किताब कर दिया गया।


मध्यप्रदेश की राजनीति में उलटफेर


साल 2020 के दौरान राजनीति की दुनिया में भी कई उलटफेर हुए। इनमें मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का गिरना और शिवराज सिंह का चौथी बार मुख्यमंत्री बनना भी शामिल है। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 समर्थकों ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से 20 मार्च को इस्तीफा दे दिया। 23 मार्च को शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।


भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प


15-16 जून की रात लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। इस घटना में चीन के करीब 40 सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आई, लेकिन चीन ने इसकी पुष्टि नहीं की। दरअसल, इस विवाद की शुरुआत 5 और 6 मई की रात से हुई थी।

धीरे-धीरे हालात बिगड़ते रहे और 15-16 जून की रात हिंसक झड़प हो गई। ऐसे में भारत ने चीन पर कड़े प्रतिबंध लगाए और करीब 100 चीनी ऐप्लिकेशन पर बैन लगा दिया। साथ ही, देश में चीन के सामान का विरोध भी शुरू हो गया, जिससे चीन को अब तक करोड़ों डॉलर का नुकसान हो चुका है। इसके बावजूद बॉर्डर पर हालात अभी तक सामान्य नहीं हो पाए हैं।

साल 2020 बॉलीवुड के लिए बेहद खराब

साल 2020 बॉलीवुड के लिए बेहद खराब साबित हुआ। इस दौरान ऋषि कपूर और इरफान खान समेत बॉलीवुड के कई दिग्गज दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की मौत पूरे देश में चर्चा का विषय बनी रही। दरअसल, सुशांत की मौत आत्महत्या और हत्या के इर्द-गिर्द घूमती रही, जिसमें सुशांत की कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती का नाम सामने आया।

इसके बाद बॉलीवुड में वंशवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठा, जिसका खमियाजा फिल्मी सितारों के बच्चों को भुगतना पड़ा। साथ ही, बॉलीवुड में ड्रग्स की मौजूदगी की बात भी सामने आई।


भारत में राफेल की एंट्री
चीन से विवाद के बीच पाकिस्तान भी भारत को आंखें दिखाने लगा। ऐसे में 27 जुलाई को फ्रांस से पांच लड़ाकू विमान राफेल भारत पहुंचे, जिससे भारतीय वायु सेना की ताकत काफी बढ़ गई।

इन लड़ाकू विमानों को 10 सितंबर को आधिकारिक तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। इसके बाद चार नवंबर को तीन और राफेल भारत आए, जिसके बाद इनकी कुल संख्या आठ हो गई है। बता दें कि भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा किया है।


बिकरू कांड से विकास का सफाया


3 जुलाई के दिन कानपुर का बिकरू गांव अचानक सुर्खियों में आ गया। दरअसल, यहां कुख्यात बदमाश विकास दुबे ने अपने साथियों संग पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला कर दिया, जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। ये पुलिसकर्मी विकास दुबे को पकड़ने गए थे, लेकिन उसे दबिश की जानकारी पहले ही मिल गई थी।

इस मामले में विकास को मध्यप्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था और कानपुर के पास भागने की कोशिश करते वक्त कथित एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया। इस दौरान महज आठ दिन में यूपी पुलिस ने विकास दुबे के पूरे गैंग का सफाया कर दिया।


राम मंदिर का शिलान्यास


सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 के दौरान अयोध्या के राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद का पटाक्षेप कर दिया, लेकिन राम मंदिर की नींव साल 2020 के अगस्त महीने में पांच तारीख को रखी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचे और राम मंदिर का शिलान्यास किया।


बिहार चुनाव में राजनीति का खेल


वैसे तो चुनाव आम बात हैं, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव इसलिए खास रहे, क्योंकि कोरोना काल से जूझ रहे देश में यह पहली लोकतांत्रिक प्रक्रिया थी, जिसे चुनाव आयोग ने कामयाबी से निपटाया। बिहार में इस बार राजद सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन भाजपा की मदद से जदयू लगातार चौथी बार सरकार बनाने में कामयाब रही।


कृषि बिल पर किसानों का गुस्सा


साल 2020 की शुरुआत में सीएए-एनआरसी को लेकर विरोध झेलने वाली दिल्ली अब साल जाते-जाते किसानों के गुस्से का शिकार बन रही है। दरअसल, खेती-किसानी में सुधार के मकसद से मोदी सरकार ने तीन नए कृषि कानून तैयार किए, लेकिन किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में पंजाब समेत कई राज्यों के किसान इस वक्त दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 

 

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