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उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर एडवाइजरी जारी, कानपुर चिड़ियाघर में 4 पक्षियों की मौत

[Edited By: Punit tiwari]

Thursday, 7th January , 2021 11:48 am

उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर एडवाइजरी जारी हो गई है। बर्ड फ़्लू के ख़तरे को देखते हुए यूपी के पशुधन विभाग ने पूरे प्रदेश के लिए एडवाइज़री जारी कर दी है, इसमें सभी ज़िलों को निर्देश दिए गए हैं कि पक्षियों के पानी पीने के जलाशयों पर नज़र रखा जाए।

अगर कोई बाहरी पक्षियों का झुंड पानी पीने के लिए आता है तो उस पर नज़र रखी जाए। जलाशयों में पानी पीने के बाद अगर कोई पक्षी मृत पाया जाता है तो फ़ौरन उसकी फॉरेंसिक जांच के लिए लैब में भेजा जाये। साथ ही बाहर के राज्यों से आनेवाले पक्षियों खासकर कुक्कुट यानि मुर्गियों को लेकर आने वाली गाड़ियों की जांच की जाए। अगर कोई पक्षी बीमार या मृत पाया जाता है तो उसे प्रदेश की सीमा में प्रवेश न दिया जाए। मुर्ग़ा मंडियों को हफ्ते में एक दिन बंद रखा जाए और उस दिन मंडी की पूरी साफ़ सफ़ाई की जाए।

सभी बर्ड सैंक्चुरी और पक्षी पार्कों की सूची बनायी जाये जहां पर प्रवासी पक्षी आते है। वहीं पर भारत सरकार की संक्रमण को लेकर गाइडलाइन्स को पूरी तरह से पालन कराया जाये और संक्रमण रोकने के तरीक़ों को इस्तेमाल किया जाये। सभी ज़िलाधिकारी ये सुनिश्चित करें कि उनके ज़िलों में फेसमास्क और पीपीई किट की कमी ना हो। इसका ज़रूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाये। सभी ज़िलों में मुर्ग़ा और उसके उत्पादों के इस्तेमाल के लिये जन जागरण अभियान चलाया जाये। किसी भी तरह की अफ़वाह को ना फैलने दिया जाये।

बता दें कि बुधवार सुबह कानपुर के चिड़ियाघर में 4 पक्षियों की अचानक मौत हो गई थी। पक्षियों के सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई रिस्क एनिमल डीजीज के पास भेजा गया है। गुरुवार शाम तक इनकी जांच रिपोर्ट आ सकती है। मंगलवार को दो जंगली मुर्गों और दो तोतों की मौत हो गई जिससे चिड़ियाघर प्रशासन हरकत में आ गया। बर्ड फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चारों पक्षियों को पोस्टमार्टम के लिए भोपाल रिसर्च सेंटर भेजा गया है।

साथ ही वहां के पक्षियों के बाड़े की मिट्टी और उनके मल को भी जांच के लिए भेजा है। इसके साथ ही जानवरों के लिए बाहर से आने वाले चिकन पर रोक लगा दी गई है। बर्ड फ्लू मुर्गियों से फैलने वाली बीमारी है। चिड़ियाघर में पक्षियों की मौत के बाद मुर्गे के बाड़ों को पूरी तरह से कवर कर दिया गया है और दवाई का छिड़काव करा दिया गया है। चिड़ियाघर के 7 बाड़ों में 935 पक्षियों को रखा गया है। सभी पर नजर रखी जा रही है। झील का भी सर्वे कराया गया। बाहर से चिड़ियाघर के 6 जानवरों के लिए आने वाले चिकन पर रोक लगा दी गई है। अब इन जानवरों को मीट के छोटे-छोटे टुकड़े करके खाने के लिए दिए जाएंगे। 

 

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