- संगम मे विदेशी मेहमानों ने लगाई डुबकी
- संगमनगरी में दिख रहा आस्था का सैलाब
दूर-दूर से गंगा स्नान को आ रहे हैं श्रद्धालु
संगम के जल से खुद को कर रहे पवित्र
संगमनगरी में आस्था का सैलाब देखने को मिल रहा है। दूर-दूर से श्रद्धालु गंगा जमुना सरस्वती माता के जल से अपने आप को पवित्र कर रहे हैं। इसी बीच महाकुंभ में 10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संगम क्षेत्र में स्थित विभिन्न अखाड़ों का दौरा किया। गुरुवार को संगम में पवित्र डुबकी भी लगाई।

महाकुंभ की भव्यता को देखकर वे चकित है। इस यात्रा में उन्होंने न केवल महाकुंभ के धार्मिक महत्व को समझा, बल्कि भारतीय संस्कृति के अद्भुत पहलुओं को भी अनुभव किया। अंतर्राष्ट्रीय मेहमानों ने कहा कि महाकुंभ दुनिया को एकता का संदेश दे रहा है. भारतीय संस्कृति को देखने और समझने के लिए सभी देशों के लोगों को महाकुंभ आना चाहिए.
विदेशी महमानों ने संगम में डुबकी लगाने के बाद विदेशी पर्यटकों ने अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि पहले तो हम डर लग रहा था लेकिन जैसे ही जल के अंदर गए। हमारा सारा डर भाग गया। महाकुंभ को लेकर जिस प्रकार की व्यवस्था की गई है, वो काबिले तारीफ है। एक पर्यटक ने कहा कि भारत की संस्कृति हमेशा से ही मुझे आकर्षित करती है। संगम में डुबकी लगाने के बाद सभी लोगों को हवाई भ्रमण के लिए ले जाया गया।
विदेशी मेहमानों के लिए की गई खास व्यवस्था
महाकुंभ मे दुनिया के कई देशों में महाकुंभ और उसमें जुटने वाले करोड़ों की भीड़ की चर्चा हो रही है. इसी सिलसिले में 10 देशों का 21 सदस्यीय दल प्रयागराज पहुंचे. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के एक्सटर्नल पब्लिसिटी एंड पब्लिक डिप्लोमेसी डिवीजन ने इन्हें आमंत्रित किया है.
दस देशों के से 21 मेहमान
सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, फिनलैंड, मलेशिया, मॉरीशस, श्रीलंका, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रतिनिधि शामिल थे. अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि दल ने महाकुंभ का दौरा करने के बाद कहा कि भारतीय संस्कृति की विविधता और धार्मिक एकता का अनुभव किया. उनके लिए यह यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा लेने का भी एक शुभ अवसर है.