दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ, मामला आग लगने के बाद सामने आया, जिससे हड़कंप मच गया। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तुरंत उनके ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया गया।
दरअसल, जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में आग लग गई. उस वक्त वे शहर में मौजूद नहीं थे. घर वालों ने फायर बिग्रेड और पुलिस को आग लगने की सूचना दी. आग बुझाने के लिए जैसे ही दमकल विभाग की टीम उनके एक कमरे के अंदर घुसे, वहां उन्हें भारी मात्रा में नोटो का भंडार मिला. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने यशवंत वर्मा को दूसरे हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया.
मामला इतना गंभीर था कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को दखल देना ही पड़ा और फिर उस जज का ट्रांसफर दूसरी हाईकोर्ट में करना पड़ा. जी हां, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाले कॉलेजियम ने आनन-फानन में यह फैसला लिया. हालांकि, 5 जजों वाले कॉलेजियम के कुछ सदस्यों का मानना है कि इस तरह की गंभीर घटना के लिए ट्रांसफर ही काफी नहीं है. इससे न्यायपालिका की छवि धूमिल होगी और संस्था के प्रति लोगों का विश्वास भी कम होगा. उन्होंने कहा कि जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देने के लिए कहा जाना चाहिए. अगर वे मना करते हैं तो CJI द्वारा इन-हाउस जांच शुरू की जानी चाहिए.
दरअसल कई जज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1999 में स्थापित इन-हाउस प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह प्रक्रिया संवैधानिक न्यायालय के जजों पर भ्रष्टाचार, गलत आचरण या अनुचित व्यवहार के आरोपों से निपटने के लिए बनाई गई है। इसके तहत, CJI को शिकायत मिलने पर संबंधित जज से जवाब मांगा जाता है।