दिल्ली-26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बुधवार को पुलिस ने 6 किसान नेताओं पर FIR दर्ज की और 200 उपद्रवियों को हिरासत में लिया। इस एक्शन के कुछ देर बाद ही किसान संगठनों के आंदोलन से हटने का सिलसिला शुरू हो गया। शाम करीब साढ़े चार बजे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया। इसके करीब 15 मिनट बाद भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी आंदोलन से हटने का ऐलान किया।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के चीफ वीएम सिंह ने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए। हम ऐसे किसी शख्स के साथ विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते, जिसकी दिशा कुछ और हो। इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन मैं और मेरा संगठन इस आंदोलन से अलग हो रहे हैं। मेरा उस विरोध से कोई लेना-देना नहीं है, जिसका नेतृत्व करने वालों को राकेश टिकैत रिप्रजेंट कर रहे हैं।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह बोले कि मंगलवार को दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उससे मैं बहुत आहत हूं और 58 दिनों का अपना प्रोटेस्ट खत्म कर रहा हूं। किसान हल चलाता है, कुछ लोगों ने उन्हें पागल बना दिया। वे किसी ऐसे नेता के चक्कर में न पड़ें, जो अपना नाम बनाने के लिए देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। भानुप्रताप सिंह का संगठन चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहा था।