आगरा के थाने जगदीशपुरा में पुलिस ने 25 लाख की चोरी के मामले में थाने में आने वाले सफाई कर्मी अरुण वाल्मीकि को हिरासत में लिया था। जहां 19 तारिक को देर रात उसकी तबीयत खराब हुई और मौत हो गई थी। अरुण की मां कमला देवी ने कहा था कि पुलिस वालों ने चोरी का आरोप लगाते हुए पूरे परिवार को उठा लिया और उनकी पिटाई लगाई। इस मामले में पिछले बुधवार को आगरा पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी वाड्रा ने अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात की थी और 30 लाख रूपए की आर्थिक सहायता करने का एलान भी किया था।
अब इस मामले में सियासत फिर तेज़ हो गई है, उसका कारण है कि आज यानि सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मृतक सफाईकर्मी के घर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को सहानभूति दी। इसके अलावा योगी सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार पीड़ित परिवार को 40 लाख रुपए मुआवजा दे और इस मामले में न्यायिक जांच करवाए।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार को मृतक अरुण वाल्मीकि के घर पहुंचे। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अरुण वाल्मीकि के पीड़ित परिवार को 40 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए। साथ ही उन्होंने कहा जैसे सरकार ने लखीमपुर खीरी कांड और कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत पर मुआवजा दिया गया है उसी तरह अरुण के घरवालों को भी उतना ही मुआवजा दिया जाए। जब मजदूर, गरीब, अमीर सब का वोट एक है, तो फिर मौत का मुआवजा भी एक होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों के लिए तीनों कृषि काननू काले हैं। आने वाले चुनाव में लोग भाजपा को वोट नहीं देंगे। इसके बावजूद ये लोग गुंडागर्दी के बल पर सरकार बनाएंगे। भाकियू गांव-गांव जाकर इनके खिलाफ किसानों से वोट न देने की अपील करेगा।