अब ऑनलाइन बाज़ार में वर्जिनिटी के लिए नकली हाइमन डिमांड में हैं. इसकी मदद से लड़कियां वर्जिन ना होते हुए भी खुद को वर्जिन (कुंवारी) साबित कर सकती हैं.
Amazon पर खुले आम बिक रहा एक ऐसा ही प्रॉडक्ट इन दिनों लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है. इस प्रोडक्ट को i-Virgin-Blood for the First Night नाम से बेचा जा रहा है. इसे शारीरिक सम्बन्ध बनाने से पहले Vagina (योनि) में रखना होता है. ताकि शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय इसमें भरा नकली खून बाहर आ सके और लड़की की वर्जिनिटी साबित हो जाए.
भारत में अभी भी विर्जिनिटी को 'सेक्रेड' (पवित्र) माना जाता है. इतना पवित्र की कई जगहों पर लड़कियों को ये साबित करना होता है कि शादी से पहले उनके किसी से कोई शारीरिक सम्बन्ध नहीं थे. लड़कों के लिए किसी तरह का कोई नियम नहीं है.
इस रूढ़िवादी परंपरा कई जगहों पर इतनी हावी हो जाती है कि लड़कियां हाइमन करेक्शन जैसे ऑपरेशन भी करवाती हैं. ऊपर से इस तरह के प्रोडक्ट का बिकना ये साबित करता है कि सिर्फ़ गांवों में नहीं, बल्कि शहरों में भी अपनी विर्जिनिटी साबित करना एक ज़रूरी चीज़ है.
ये ग़लत इसलिए है क्योंकि एक औरत पर 'पवित्र' होने का ठप्पा लगाना सही नहीं है. एक नए रिश्ते की शुरुआत शरीर का भाग तय नहीं कर सकता, दो लोग तय करते हैं.
लड़कियों को सिखाया जाता है कि उनके परिवार की इज्ज़त उनके वर्जिन रहने में है. ऐसे में यदि कोई लड़की शादी से पहले यौन संबंध बनाती है और इसकी ख़बर दुनिया को हो जाए, तो उसकी शादी में समस्या आ जाती है. इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा, मगर कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जब लड़कियों को वास्तव में शादी से पहले वर्जिनिटी टेस्ट से गुज़रना पड़ा है.
महाराष्ट्र में कंजरभाट समुदाय में शादी के बाद की पहली रात दूल्हा-दुल्हन को अपने बिस्तर पर सफ़ेद चादर बिछानी होती है, ताकि अगले दिन साबित हो सके कि दुल्हन 'वर्जिन' है या नहीं. अगर चादर पर ख़ून के निशान नहीं आते, तो दुल्हन को अपवित्र माना जाता है. कई बार तो रिश्ता तक टूट जाता है. जबकि ज़रूरी नहीं कि पहली बार शारीरिक संबंध बनाने पर खून निकले ही. कई महिलाएं बिना हाइमन के पैदा होती हैं. वहीं कई का हाइमन खेल कूद, इत्यादि की वजह से टूट जाता है.