जहां एक ओर बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान को लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष बीजेपी और सरकार पर आक्रामक हो गया है. तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ओर से लगातार ये बताने की कोशिशें की जा रही हैं कि कांग्रेस संविधान चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह की आधी-अधूरी क्लिप के द्वारा गलत आरोप लगा रही है. आंबेडकर के अपमान को मुद्दा बनाकर जहां कांग्रेस आक्रामक मुद्रा में है तो वहीं बीजेपी बचाव मुद्रा में है. वहीं इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने कहा है कि देश संविधान निर्माता का अपमान सहन नहीं करेगा और गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने ये दावा भी किया कि बीजेपी संविधान और बाबासाहेब द्वारा किए गए काम को खत्म कर देना चाहती है.
संविधान और आंबेडकर को बनाया विपक्ष ने हथियार
हरियाणा व महाराष्ट्र चुनावों के बाद बैकफुट चल रही कांग्रेस व विपक्ष को आंबेडकर से जुड़े विवाद को लेकर समाज के पिछड़े व वंचित समुदाय के मुद्दे पर सरकार को एकतरफ से घेर लिया गया है. विपक्ष के लिए ये एक सुनहरा मौका है. जिसमें वह अपने उन आरोपों को पुख्ता करने की कोशिश करता हुआ नजर आ रहा है. जो कि वह लगातार बीजेपी व संघ पर दलित, पिछड़ा व आदिवासी विरोध के आरोप लगाता रहा है. इसीलिए राज्यसभा में चर्चा के दौरान जैसे ही गृह मंत्री अमित शाह का अंबेडकर को लेकर विवादास्पद बयान सामने आया. तो देर शाम से ही कांग्रेस समेत विपक्ष विरोध में जुट गया. इतना ही नहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष की तरफ से संसद परिसर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया. तो वहीं संसद में इसके खिलाफ स्थगन प्रस्ताव दे दिया गया. लोकसभा में इसे लेकर शोरशराबा होता रहा, जिसके चलते एक हफ्ते से चल रहे सदन में फिर गतिरोध दिखाई देने लगा है.
कांग्रेस ने मुद्दे के सियासत में भुनाया
अब आंबेडकर को लेकर गृह मंत्री व बीजेपी के शाह जैसे कद्दावर नेता की तरफ से ऐसा बयान सामने आने पर कांग्रेस को अपनी बातों पर मोहर लगाने का सुनहरा मौका मिल गया कि विपक्ष तो पहले ही कहता रहा है कि बीजेपी बाबा साहेब की बात करती है, लेकिन उनके विचारों में विश्वास नहीं करती. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा बाबा साहेब के संविधान के बरक्स मनुस्मृति रखने की बात हो या फिर जातिगत जनगणना कराने का दावा, विपक्ष लगातार दलित, आदिवासियों व पिछड़ों को गोलबंद करने की कोशिश करने में जुटा है.
फायरफाइटिंग मोड में बीजेपी, सरकार
राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह की आंबेडकर को लेकर कही बात पर कांग्रेस और विपक्ष आक्रामक हो रखा है. दूसरी तरफ बीजेपी फायर फाइटिंग मोड में चल रही है. अमित शाह के बचाव के लिए मोर्चा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल रखा है. मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने संविधान निर्माता का अपमान करने के कांग्रेस के काले इतिहास की पोल खोल कर रख दी है. जिससे मुख्य विपक्षी पार्टी स्तब्ध हो गई है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस और उसके दूषित इकोसिस्टम को लगता है कि उसके दुर्भावनापूर्ण झूठ संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर के प्रति उसके कई सालों के कुकर्मों को छिपा सकते हैं. तो वह बहुत बड़ी भूल कर रही है.
तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया बयान
वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि शाह के राज्यसभा में भाषण की एक छोटी क्लिप प्रसारित हो रही है. जिसमें उन्होंने जो कहा, उसे तोड़-मरोड़ कर पेश करके दिखाया गया है, जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि शाह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि जब बाबासाहेब जिंदा थे तब कांग्रेस ने उनका अपमान किया. वहीं रिजिजू सहित सरकार के दूसरे मंत्री और बीजेपी के सारे नेता विपक्ष के आरोपों को झूठा बताने में एकजुट होकर लगे हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की इसे लेकर मीटिंग भी हुई है. जिसमें इस बात पर चर्चा की गई कि किस तरह विपक्ष के आरोप का जवाब देना है. विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने खुद बीजेपी हेडक्वॉर्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कांग्रेस पर तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है. इस दौराम उनके साथ नड्डा, केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे. ये दिखाने के लिए कि पूरी पार्टी और पूरी सरकार अमित शाह के साथ खड़ी है.