सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ज्ञान पर सवाल खड़ा कर दिया. वीर सावरकर को लेकर लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट हैरान दिखाई दिया। कोर्ट ने कहा कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ किसी को अनाप-शनाप बोलने की इजाजत नहीं दे सकते। उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप आगे से ऐसा कोई बयान देंगे तो हम स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे। स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान मत दीजिए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर पर टिप्पणी के मामले में राहुल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,’राहुल गांधी इतिहास-भूगोल नहीं जानते हैं. देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अनाप-शनाप बोलने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है. हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं. राहुल गांधी ने लखनऊ की ट्रायल कोर्ट में इस मामले में अपने खिलाफ चल रही अपराधिक मानहानि की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी, लेकिन उन्हें मौखिक चेतावनी भी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में यदि वे भविष्य में ऐसा कोई गैर-जिम्मेदाराना कमेंट करेंगे तो शीर्ष कोर्ट उसका स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगी. इससे पहले राहुल गांधी ने इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने 4 अप्रैल को ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
दरअसल, महाराष्ट्र के अकोला जिले में 17 नवंबर, 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने एक रैली में सावरकर को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने मीडिया के सामने एक चिट्ठी दिखाते हुए कहा था कि यह चिट्ठी सावरकर ने अंग्रेजों को लिखी थी। इसमें उन्होंने खुद को अंग्रेजों का नौकर बने रहने की बात कही थी। साथ ही डरकर माफी भी मांगी थी। गांधी-नेहरू ने ऐसा नहीं किया, इसलिए वे सालों तक जेल में रहे। राहुल ने कहा, ‘गांधी, नेहरू और पटेल सालों जेल में रहे और कोई चिट्ठी नहीं साइन की। सावरकर जी ने इस कागज पर साइन किया, उसका कारण डर था। अगर डरते नहीं तो कभी साइन नहीं करते। सावरकर ने जब साइन किया तो हिंदुस्तान के गांधी, पटेल को धोखा दिया था। उन लोगों से भी कहा कि गांधी और पटेल भी साइन कर दें।’