अब स्वास्थ्य विभाग में जुगाड़ से नौकरी करना संभव नहीं होगा। अस्पतालों में डॉक्टरों-कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों को अपने मूल तैनाती के स्थान पर ड्यूटी करने के निर्देश दिए हैं। इससे सभी डॉक्टरों व कर्मचारियों की संबद्धता खत्म की जाएगी और उन्हें मूल तैनाती स्थान पर सेवाएं देनी होंगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी चिकित्सकों को दो घंटे ओपीडी में मरीज देखने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में अब स्वास्थ्य विभाग ने सम्बद्धता खत्म करने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार को अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में संबद्ध किए गए डॉक्टरों और कर्मचारियों को मूल तैनाती के स्थान पर कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों, मंडलीय अपर निदेशकों को निर्देश दिया है कि वे तत्काल प्रभाव से कर्मचारियों व चिकित्साधिकारियों को कार्यमुक्त करें। साथ ही शासन को इसकी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के जुगाडू अधिकारी व कर्मचारी अपने मूल तैनाती के स्थान को छोड़कर मनचाही जगह पर संबद्धता लेकर कार्य करते हैं। इसमें अधिकतर सीएमओ कार्यालय, महानिदेशालय, मंडलीय अपर निदेशक कार्यालय, पीएचसी से किसी मनपसंद की सीएचसी या फिर अस्पताल में संबद्धता ले लेते हैं।
ऐसे अधिकारियों का वेतन तो मूल तैनाती के स्थान से मिलता है, लेकिन वह कार्य अपनी मनपसंद जगह करते हैं। इससे उनके मूल तैनाती स्थान पर मानव संसाधन की कमी हो जाती है। अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद अब ऐसे जुगाडू़ कर्मचारियों-अधिकारियों को भी मरीजों से जुड़े कार्य करने होंगे।