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भक्तों को अभी नही होंगे बाबा बैधनाथ के दर्शन, सुप्रीमकोर्ट ने किया जल्द सुनवाई से इंकार

[Edited By: Vijay]

Tuesday, 7th September , 2021 06:02 pm

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर और बाबा बासुकीनाथ मंदिर खोलने के मामले में जल्द सुनवाई इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले की जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के पुजारियों के समूह पांडा धर्म रक्षिणी सभा ने सुप्रीम कोर्ट में यह अर्जी दाखिल की थी.

कोर्ट में दाखिल याचिका में आवश्यक दिशा-निर्देश के साथ सुल्तानगंज बिहार से एकत्रित किए गए गंगा जल के साथ बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के पंडा और पुजारियों को श्रावण के महीने के दौरान पारंपरिक श्रावण पूजा करने की अनुमति देने की मांग की गई थी, लेकिन याचिका सुनवाई के लिए आई तो श्रावण मास समाप्त हुए 15 दिन बीत चुके हैं.बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के पुजारियों के समूह पांडा धर्म रक्षिणी सभा ने सुप्रीम कोर्ट में यह अर्जी दाखिल की थी.

कोरोना महामारी के चलते राज्यों में अभी धार्मिक और पर्यटन स्थलों को बंद ही रखा गया है। लोगों को इन स्थानों पर आने की अभी अनुमति नहीं है। कोरोना के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए झारखंड सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए श्रावण मास में भी बाबा बैद्यनाथ मंदिर को नहीं खोला। सरकार के फैसले के विरुद्ध बैद्यनाथ मंदिर और वासुकीनाथ मंदिर खोलने की मांग को लेकर कुछ धार्मिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। संगठनों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मंदिरों को खोलने की मांग पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि मामला प्रक्रिया के तहत तय तारीख पर सुना जाएगा। इसपर तुरंत सुनवाई जरूरी नहीं है। 

वहीं, दूसरी ओर देवघर से भाजपा विधायक नारायण दास रांची में विधानसभा के बाहर डमरू बजाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और मंदिर खोलने की मांग की।  नारायण दास ने कहा कि बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर ही नहीं, बल्कि देश के लिए आस्था का केंद्र है। मंदिर से हजारों लोगों का जीवन चल रहा है।  मैं सरकार से जल्द ही मंदिर खोलने की मांग करता हूं। अगर इस सत्र में मंदिर नहीं खुला तो सरकार के खिलाफ देवघर में लगातार विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा।

बता दें कि भाजपा विधायक पिछले दो दिन से विधानसभा में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सोरेन सरकार की ओर से विधानसभा में अल्पसंख्यक विधायक, अधिकारी और कर्मचारियों को नमाज पढ़ने के लिए अलग कमरा देने के खिलाफ भाजपा सरकार पर हमलावर है। भाजपा की मांग है कि राज्य में कोरोना के मामले कम हो गए हैं फिर भी सरकार धार्मिक स्थलों को जानबुझकर नहीं खोलना चाहती है। 

 

 

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