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दिल्ली पुलिस ने पहलवानों पर 8 धाराओं में दर्ज की एफ़आईआर

[Edited By: Rajendra]

Monday, 29th May , 2023 01:13 pm

नए संसद भवन के उद्घाटन के बीच जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों द्वारा संसद की ओर कूच करना महंगा पड़ गया। उनके इस फैसले को नियमों का गंभीर उल्लंधन मानते हुए न केवल पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ​ले लिया बल्कि विभिन्न धाराओं में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने साफ कर दिया है कि पहलवानों का धरना कल ही समाप्त हो गया। इतना ही नहीं, पुलिस ने पहलवानों के टैंटों और तंबुओं को रविवार को ही जंतर मंतर से हटा दिया।

दूसरी तरफ देश और दुनिया में भारत का नाम रौशन करने वाले पहलवानों का दावा है कि उनका धरना समाप्त नहीं हुआ। 23 अप्रैल से धरने में शामिल पहलवान एक बार फिर जंतर मंतर पर ही धरना जारी रखने की जिद पर अड़े हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि अब पहलवानों को जंतर मंतर पर धरने पर बैठने की इजाजत नहीं है। वो कहीं और धरने पर बैठ सकती हैं। उसके लिए भी उन्हें दिल्ली पुलिस से इजाजत लेनी होगी।

नई दिल्ली जिले के डीसीपी की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया है कि अगर कुश्ती पहलवान भविष्य में दोबारा धरने प्रदर्शन की अनुमति के लिए पुलिस के सामने अर्जी लगाते हैं, तो उन्हें जंतर मंतर के अलावा अन्य उपयुक्त स्थानों में से किसी जगह धरने पर बैठने की इजाजत दी जा सकती है। डीसीपी ने इससे पहले कहा था कि कुश्ती पहलवानों का धरना और प्रदर्शन निर्बाध तरीके से जंतर मंतर पर चल रहा था। कल प्रदर्शकारियों ने तमाम आग्रह और अनुरोध के बावजूद कानून का आक्रामक तरीके से उल्लंघन किया। इतना ही नहीं, उन्होंने चल रहे अपने धरने को समाप्त कर दिया।

दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी सुमन नलवा का इस मामले में कहना है कि रविवार के प्रदर्शन को लेकर पहलवानों से बातचीत की गई, पर उन्होंने कुछ भी सुनने से मना कर दिया। उसके बाद नए संसद भवन की ओर जाने की जिद पड़ अड़ने रहने की वजह से उन्हें हिरासत में लेना पड़ा। पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से उन्हें हिरासत में लिया। अगर पहलवान कहीं और प्रदर्शन करने की इजाजत मांगेंगे तो इजाजत दी जा सकती है, लेकिन इन्हें जंतर-मंतर पर अब बैठने नहीं दिया जाएगा। सुमन नलवा का कहना है कि किसी भी महिला खिलाड़ी से अभद्रता नहीं हुई। महिला पुलिस कर्मियों ने ही उन्हें हिरासत में लिया। इतने बड़े खिलाड़ियों को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, जैसा उन्होंने कल किया।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर कुछ महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बीजेपी सांसद के खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। इस मामले में आरोपी बीजेपी सांसद बृज भूषण का कहना है ​कि वो निर्दोष हैं। उनपर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि वह हर स्तर पर जांच को तैयार हैं, बशर्ते कि आरोप लगाने वाले पहलवानों भी जांच में शामिल हों।

इसके उलट, 23 अप्रैल के बाद से धरना दे रहे पहलवान बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक आरोपी बीजेपी सांसद को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। धरना समाप्त होने के मसले पर उनका कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है। पहलवानों की ओर से बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ सत्याग्रह जारी है।

दिल्ली पुलिस ने पहलवानों और प्रदर्शनकारियों पर प्रिवेन्शन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत भी केस दर्ज किया है। इस धारा के तहत अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया जाता है तो उसे 5 साल की जेल और जुर्माने की सजा होगी। पहलवानों पर दिल्ली पुलिस के एक्शन पर सियासत भी तेज हो गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सहिष्णुता में निहित है, लेकिन निरंकुश ताकतें असहिष्णुता और असंतोष को दबाने पर पनपती हैं।

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