आने वाले समय में दिल्ली विधानसभा का चुनाव होना है, जिसको लेकर सियासी दलों ने कमर कस ली है, इस बीच केजरीवाल ने बड़ा दांव खेला है.
देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों पर फरवरी 2025 में चुनाव होने हैं. इन चुनावों को लेकर पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अभी से अपने दांव खेलना शुरू कर दिया है. केजरीवाल की साफ तौर पर नजर चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने पर है. इसके लिए केजरीवाल ने सबसे पहले दिल्ली के ऑटो ड्राइवरों पर निशाना साधा है.
ऑटो ड्राइवर्स के लिए 5 बड़े ऐलान
दिल्ली में ऑटो ड्राइवर्स की संख्या की बात करें तो ये तकरीबन 1 लाख है. ये ऑटो ड्राइवर्स चुनाव के दौरान फीडबैक उपलब्ध कराने और प्रचार करने में अहम योगदान हैं. यही कारण है कि चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल ने ऑटो ड्राइवर्स के लिए 5 गारंटी की घोषणा कर दी है. आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली में फिर से सरकार आने पर 5 गारंटी लागू कर दी जाएगी. इस गारंटी के तहत हर चालक का 10 लाख तक का जीवन बीमा और 5 लाख का एक्सीडेंट इंश्योरेंस, बेटी की शादी में 1 लाख की सहायता, वर्दी के लिए साल में 5000 रुपए दिए जाना प्रमुख रूप से शामिल है. इतना ही नहीं सभी ऑटो ड्राइवर्स के बच्चों के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग का खर्च सरकार उठाएगी. इसके साथ ही केजरीवाल ने पूछो ऐप को फिर से चालू करने की बात कही है.
ट्रैफिक नियमों का रेगुलराइजेशन है मुद्दा
ऑटो ड्राइवर्स के मुख्य मुद्दे दिल्ली में ट्रैफिक नियमों का रेगुलराइजेशन है. इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में ई-रिक्शा की बढ़ोत्तरी और महिलाओं के लिए फ्री-बस सर्विस ने भी ऑटो ड्राइवर्स के कारोबार को खासा प्रभावित किया है. इन दोनों कारणों से नियमित रूप से सवारी मिलना ऑटो ड्राइवर्स के लिए मुश्किल का सबब बन गया है. हेल्थ इंश्योरेंस भी दिल्ली में ऑटो ड्राइवर्स के लिए मुख्य मुद्दा है. केजरीवाल ने पहले ही उनके मुद्दों की पहल कर चुनाव से पहले बड़ा दांव खेलने की कोशिश कर दी है. बता दें कि दिल्ली में आप का सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से ही है. वहीं कांग्रेस दिल्ली की लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटी हुई है. बता दें कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 36 विधायकों की जरूरत होती है
2013 में भी लिया था ऑटो ड्राइवरों का सहारा
साल 2013 से लगातार दिल्ली सरकार सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ऑटो चालकों का सहारा लेती आ रही है. फिर वो चाहें 2013 के विधानसभा चुनाव हों या फिर 2015 के 10 साल बीत जाने के बाद फरवरी 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव ऑटो ड्राइवर आप की जीत की अहम कड़ी माने जा रहे हैं. हर बार ऑटो चालकों ने केजरीवाल का साथ देते हुए चुनावों में पार्टी की जीत के लिए जोर-शोर से प्रचार किया है. वहीं इस बार केजरीवाल ने अभी से दांव चल दिया है. अब देखना होगा कि क्या एक बार फिर केजरीवाल का समर्थन देते हैं या नहीं. अगर अप को ऑटो चालकों का समर्थन मिलत है तो पार्टी की जीत पक्की है.
ऑटो ड्राइवर्स दिलाएंगे केजरीवाल को जीत ?
बता दें कि साल 2013 में दिल्ली में विधानसभा का चुनाव प्रचार चरम पर था. इस बीच 10 हजार ऑटो ड्राइवरों के न्याय भूमि नामक एक संगठन ने एक साल पुरानी गठित आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर दी. न्याय भूमि की इस घोषणा ने दिल्ली चुनाव का रुख ही मोड़ दिया. ऑटो ड्राइवर्स के मैदान में उतरने से आम आदमी पार्टी फिर से प्रचार अभियान में तेजी आई. गली से लेकर मुख्य सड़कों पर अरविंद केजरीवाल के विचार और गाने बजने लगे. इसका फायदा आप को विधानसभा के चुनाव में हुआ. 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में पहली बार में ही आप ने 28 सीटों पर जीत हासिल कर ली. केजरीवाल की ये सरकार सिर्फ 49 दिनों तक ही चली. 2015 में जब चुनाव हुए, तो केजरीवाल के साथ ऑटो ड्राइवर फिर मैदान में उतरे. इस बार ऑटो ड्राइवर्स की संख्या हजारों की बजाय लाखों में थी. चुनाव का परिणाम भी एकतरफा आया और आप ने 3 सीट छोड़कर दिल्ली की सभी 67 सीटों पर जीत हासिल कर ली. वहीं एक बार फिर 10 साल बाद दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने फिर से ऑटो ड्राइवर्स को साधने की कवायद शुरू की है. वहीं केजरीवाल की इस कवायद को एंटी इनकंबेंसी को खत्म करने के रूप में भी देखा जा रहा है. हाल ही में आम आदमी पार्टी ने एक सर्वे कराया है, जिसके बाद खराब फीडबैक वाले कई विधायकों का टिकट काट दिया गया है.