महाकुंभ में 38वां दिन है, सोमवार-मंगलवार की तरह मेले मे आज भीड़ कम है। संगम नोज पर भी ऐसी ही स्थिति है। प्रयागराज शहर में प्रवेश के लिए बनाए गए 7 एंट्री पॉइंट्स पर लंबा जाम नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज महाकुंभ आएंगी। वे संगम में स्नान और गंगा पूजन करके हनुमान गढ़ी के दर्शन कर सकती है। खबर है कि आज ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका भी महाकुंभ मे डुबकी लगा सकते है।
बता दें महाकुंभ मे माघी पूर्णिमा’ के खास अवसर पर करोड़ों लोगो ने प्रयागराज में डुबकी लगाई थी उस दिन लाखों श्रद्धालु संगम के तट गंगा, जमुना, सरस्वती, माता के जल से अपने आप को पवित्र किया, संगम से 10 किमीटर तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली थी। स्नान कर रहे लोगो पर हेलिकॉप्टर से 25 क्विंटल फूल बरसाए गए थे। उस दिन के बाद से लगातार भारी भीड़ देखने को मिल रही थी, भीड़ इतनी ज्यादा कि सरकार को प्रयागराज संगम स्टेशन को बंद करना पड़ा था।
हाल ही मे संगम जाने वाले सभी रास्तो को भी बंद कर दिया था, 17-18 फरवरी मंगलवार को 1.15 करोड़ लोगों ने संगम में स्नान किया. रिपोर्ट के मुताबिक आज मेले मे आज भीड़ कम है। प्रयागराज शहर में प्रवेश के लिए बनाए गए 7 एंट्री पॉइंट्स पर लंबा जाम नहीं है। सुबह से करीब 50 लाख लोग स्नान कर चुके है 13 जनवरी से अब तक लगभग 55 करोड़ से ज्यादा आस्था की डुबकी लगा चुके हैं.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी और प्रियंका के आने का प्रोग्राम लगभग फाइनल हो चुका है। कांग्रेस नेताओं ने इस कार्यक्रम की तैयारियों को भी शुरू कर दिया है। कांग्रेस सेवा दल की ओर से संगम तट के सेक्टर-15 स्थित तुलसी मार्ग पर महाकुंभ सेवा शिविर स्थापित किया गया है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा इस शिविर में पहुंचकर कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही वे सेवा दल द्वारा महाकुंभ में किए जा रहे सामाजिक और धार्मिक कार्यों की जानकारी भी लेंगे।
महाकुंभ मेला पर हर बारहवें वर्ष में प्रयागराज – गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर, हरिद्वार – गंगा नदी के तट पर, उज्जैन – क्षिप्रा नदी के तट पर, नासिक – गोदावरी नदी के तट पर आयोजित होता है। प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से किसी एक स्थान पर एकत्र होते हैं और नदी में पवित्र स्नान करते हैं। हर स्थान पर मेले का आयोजन एक विशेष खगोलीय स्थिति के आधार पर किया जाता है। यह मेला हिंदू धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है और इसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। प्रत्येक 12वें वर्ष के अतिरिक्त प्रयाग में दो कुम्भ पर्वों के बीच छह वर्ष के अन्तराल में अर्धकुम्भ भी होता है। 2013 के कुंभ के बाद 2019 में प्रयाग में अर्धकुम्भ मेले का आयोजन हुआ था।