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CWC बैठक में बोलीं सोनिया गांधी- टीकाकरण की उम्र सीमा घटकर 25 साल करे सरकार

[Edited By: Punit tiwari]

Saturday, 17th April , 2021 03:46 pm

नई दिल्ली- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति को लेकर आज केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही टीकाकरण के लिए आयु सीमा को घटाकर 25 साल किए जाने की मांग की है। उन्होंने अस्थमा, मधुमेह और कुछ अन्य बीमारियों से पीड़ित युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाए जाने का अनुरोध किया है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से निपटने के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरणों और दवाओं को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए। कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाने पर गरीबों को प्रति माह छह हजार रुपये की मदद देनी चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "सरकार को टीकाकरण के लिए अपनी प्राथमिकता पर पुनर्विचार करना चाहिए और आयुसीमा को घटाकर 25 साल करना चाहिए। अस्थमा, मधुमेह, किडनी और लीवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित सभी युवाओं को टीका लगाया जाना चाहिए।" बता दें, कोरोना टीकाकरण के लिए अभी न्यूतम आयुसीमा 45 साल निर्धारित है।

सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से यह माना है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई एक राष्ट्रीय चुनौती है, जिसे पार्टी की राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह प्रभावित किया है, हमारे पास इससे निपटने की तैयारी के लिए एक साल का समय था, लेकिन हम बिना तैयारी के फिर इसकी चपेट में आ गए हैं।

सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट संबंधी पूर्वानुमान, आकलन और प्रबंधन के संदर्भ में मोदी सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। कोविड-19 प्रबंधन पर विपक्ष के रचनात्मक सुझावों को सुनने के बजाए केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्ष के नेताओं पर हमला किया। कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि क्या टीकों के निर्यात को रोककर अपने नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि हर पात्र नागरिक के खाते में छह-छह हजार रुपए जमा कराए जाएं।

गैर भाजपाई राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस के सहयोगी मुख्यमंत्रियों ने कई बार प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर आवश्यक सामानों की मांग की है। लेकिन केंद्र सरकार एकदम चुप्पी साधे हुए है, कई राज्यों में वैक्सीन नहीं है, वेंटिलेटर नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है। वहीं ये भी देखने को मिल रहा है कि कुछ राज्यों को प्राथमिकता के आधार पर ट्रीट किया जा रहा है।

कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर सवाल खड़े करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार दूसरे देशों के लिए अपनी उदारता पर शेखी बघार रही है तो दूसरी तरफ अपने ही देश में हजारों लोग वैक्सीन के अभाव में हर रोज मर रहे हैं। कांग्रेस ने सवाल खड़ा करते हुए वसरकार से पूछा है कि रेमडेसिविर जैसी लाइफ सेविंग मेडिसिन और मेडिकल ऑक्सीजन पर 12% जीएसटी क्यों वसूली जा रही है? वहीं कोरोना से लड़ने के लिए आवश्यक इक्विपमेंट जैसे ओक्सीमीटर और वेंटिलेटरों पर 20% GST क्यों वसूली जा रही है। कांग्रेस पार्टी ने कोरोना लॉकडाउन और आर्थिक प्रतिबंधों से प्रभावित होने वाले सभी नागरिकों के लिए 6-6 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने की भी मांग की है। कांग्रेस पार्टी ने प्रवासी मजदूरों के सुरक्षित ट्रांसपोर्टेशन और पुनर्वास की मांग की गई है।

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