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भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के एक बयान पर विवाद छिड़ गया

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 3rd December , 2022 04:39 pm

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शुक्रवार को मध्य प्रदेश को आगर-मालवा में थी। इस दौरान आगर में एक सभा को संबोधित करते हुए 'जय श्रीराम', 'जय सियाराम' और 'हे राम' के नारों की अपने अंदाज में व्याख्या की। उन्होंने कहा-

जय सियाराम' इसका मतलब क्या है? जय सीता और जय राम, मतलब सीता और राम एक ही हैं। इसलिए नारा है जय सियाराम या जय सीताराम। भगवान राम सीता जी की इज्जत के लिए लड़े। हम जयसिया राम कहते हैं और समाज में महिलाओं का सीता की तरह आदर करते हैं। जय श्रीराम, इसमें हम राम भगवान की जय कहते हैं। पंडित जी ने मुझसे कहा कि आप अपनी स्पीच में पूछिए कि भाजपा के लोग जय श्रीराम करते हैं, लेकिन जय सियाराम और हे राम क्यों नहीं करते।
RSS और भाजपा के लोग, जिस भावना से भगवान राम ने अपनी जिंदगी जी, उस भावना से जिंदगी नहीं जीते हैं। राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया।
राम ने समाज को जोड़ने का काम किया। राम ने सबको इज्जत दी। RSS और भाजपा के लोग भगवान राम के जीने के तरीके को नहीं अपनाते। वो सियाराम और सीताराम कर ही नहीं सकते, क्योंकि उनके संगठन में एक महिला नहीं है, तो वो जय सिया राम का संगठन ही नहीं है, उनके संगठन में सीता तो आ ही नहीं सकती, सीता को तो बाहर कर दिया। ये बातें मुझे एक पंडित जी ने सड़क पर कहीं। मैं RSS के लोगों से कहना चाहता हूं कि जय श्रीराम, जय सियाराम और हे राम का प्रयोग कीजिए। सीता जी का अपमान मत कीजिए।

गांधी जी हे राम कहते थे। गांधी जी का नारा था हे राम। हे राम का मतलब क्या? हे राम का मतलब राम एक जीने का तरीका था, भगवान राम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, एक जिंदगी जीने का तरीका थे, प्यार, भाईचारा, इज्जत, तपस्या, उन्होंने पूरी दुनिया को जीने का तरीका सीखाया। गांधी जी हे राम कहते थे, उनका मतलब था, जो भगवान राम है, वो भावना हमारे दिल में है। और उसी भावना को लेकर हमें जिंदगी जीना है। ये हैं हे राम।

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के एक बयान पर विवाद छिड़ गया है। शुक्रवार को उन्होंने भाजपा और आरएसएस को जय सियाराम कहने की नसीहत दी थी और जय श्रीराम और जय सियाराम में फर्क बताया था। अब भाजपा ने उनके बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भाजपा को राहुल गांधी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। वे इलेक्शन वाले हिंदू हैं। वहीं, ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी नाटक मंडली के नेता हैं। वो कोट के ऊपर जनेऊ पहनते हैं। उनको भारत की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं पता है। बस गली-गली दौड़ रहे हैं, क्योंकि जानता ने इनको नकार दिया है।

MP के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- राहुल बाबा का ज्ञान, बाबा-बाबा ब्लैक शीप तक ही सीमित है। राम की शुरुआत श्री से ही होती है और श्री जो हैं, वह विष्णु भगवानजी की पत्नी लक्ष्मी और सीता जी के लिए ही इस्तेमाल होता है। जरा खोल कर तो देख लें इतिहास।

उधर, UP के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया- भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी को जय श्रीराम न सही, भाजपा ने जय सियाराम बोलने के लिए विवश कर दिया है, यह भाजपा की वैचारिक विजय और कांग्रेसी विचारधारा की हार है। अभी आपसे जय श्री राधारानी सरकार की और जय श्रीकृष्ण भी कहलवाना है।

बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के बयान पर तीखा पलटवार किया है। कांग्रेस नेता को नसीहत देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो सनातन धर्म की परिभाषा ना ही बताएं तो अच्छा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि वो खुद गौमाता के हत्यारों, पाकिस्तान समर्थकों के साथ घूम रहे हैं। कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को बीजेपी और आरएसएस पर 'जय श्रीराम' वाले नारे पर घेरा था और कहा था कि वो दोनों अपना जीवन भगवान राम की तरह नहीं जीते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'जनेऊ कोट पर पहनने वाला कभी भी सनातन धर्म को नहीं पहचान पाएगा। खुशी है कि पारसी पिता और क्रिश्चियन माता के होने के बावजूद वो सनातन धर्म में रुचि ले रहे हैं। लेकिन हमारे भगवान को अमर्यादित दृष्टि से ना देखें तो अच्छा है। जिनके परिवार ने श्रीराम के अस्तित्व को एफिडेविट में नकार दिया था वो आज हमें सनातन धर्म और प्रभु श्रीराम की महिमा सीखा रहे हैं।'

बीजेपी के नेता अमित मालवीय ने राहुल गांधी को 'ढोंगी हिंदू' कहा है। अमित मालवीय ने एक ट्वीट में लिखा, 'अब हिंदुओं को ईसाई मां और पारसी पिता के पुत्र से भगवान राम और सीता मां की अराधना कैसे करनी है सीखना पड़ेगा? जिन्होंने केरल, तमिलनाडु में हिंदुओं की तरफ झांका तक नहीं, उन्हें मध्यप्रदेश में राम याद आ रहे हैं! राहुल गांधी ढोंगी हिंदू हैं, जिनकी आस्था सिर्फ वोट बैंक से जुड़ी है।'

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