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महाराष्ट्र में आखिर 'ठाकरे राज', उद्धव ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

[Edited By: Admin]

Thursday, 28th November , 2019 07:06 pm

गुरुवार शाम 6:40 बजे शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उद्धव के बाद शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई ने मंत्री पद की शपथ ली. शिवाजी पार्क में करीब 70 हजार समर्थकों के अलावा द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे प्रमुख राज ठाकरे भी मौजूद रहे. इनके अलावा मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी भी समारोह में पहुंचे. सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उद्धव को बधाई दी, लेकिन समारोह में न शामिल हो पाने पर खेद भी जाहिर किया.

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव को शपथ दिलवाई. छह दिन पहले ही शनिवार को उन्होंने भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी. उद्धव शपथ ग्रहण के तुरंत बाद कैबिनेट की पहली बैठक करेंगे.

मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए तीनों दलों के तमाम बड़े नेता पहुंचे हुए हैं.

इसके आलावा पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच चुके हैं.उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ, डीएमके के स्टालिन, टीआर बालू, कपिल सिब्बल, अहमद पटेल, मनसे के राज ठाकरे पहुंच चुके हैं.

जानिए उद्धव ठाकरे के बारे में....

पार्टी के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के बाद पार्टी की कमान संभालने वाले उद्धव ठाकरे के लिए यह बड़ी जीत का पल है. उद्धव बाल केशव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 को मुंबई में हुआ था. उन्हें 2003 में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने से पहले शायद ही कोई जानता हो. राजनीति में कदम रखने से पहले उद्धव पार्टी के मुखपत्र 'सामना' का काम देखते थे. उद्धव ठाकरे प्रफेशनल फोटोग्राफर और लेखक हैं. उनका काम दर्जनों पत्रिकाओं और किताबों में देखा जा सकता है.

2003 में उद्धव ठाकरे को शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित कर दिया गया था. दिलचस्प बात यह है कि उद्धव अपनी जिंदगी के पहले 40 साल पार्टी से दूर रहे थे और उन्हें कोई नहीं जानता था. उद्धव के पार्टी का अध्यक्ष बनने से हर कोई हैरान था. तब तक माना जाता था कि उनके चचेरे भाई राज ठाकरे इस पद पर होंगे, लेकिन बालासाहेब के फैसले ने सबको हैरान कर दिया. राज ने बाद में अपनी खुद की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) बना ली. यहां तक कि पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व सीएम नारायण राणे ने भी उद्धव से मतभेदों के चलते पार्टी छोड़ दी थी.

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