2024 लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा काफी अहम माना जा रहा है। वे लगातार बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से इस मुलाकात में मौजूदा राजनीतिक हालातों पर चर्चा होगी। हालांकि, दिल्ली दौरे पर आने के बाद से नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं।
नीतीश फरवरी में कहा था कि अगर सभी पार्टियां मिलकर 2024 का चुनाव लड़ती हैं, तो बीजेपी 100 सीटों पर सिमट जाएगी। महागठबंधन की रैली को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा था कि बीजेपी को इसे लेकर जल्द फैसला करना पड़ेगा। इससे पहले नीतीश पिछले साल सितंबर में दिल्ली के दौरे पर पहुंचे थे। तब उन्होंने एनसीपी नेता शरद पवार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, डी राजा, सीताराम येचुरी और अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। बिहार में अभी नीतीश के नेतृत्व में गठबंधन सरकार है। इसमें जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां शामिल हैं।
राजनीति में अवसर और बॉडी लैंग्वेज की भूमिका काफी अहम होती है। नेताओं के चेहरे का हावभाव आपको कई संकेत दे देते हैं। आज मौका था बिहार के सीएम नीतीश कुमार का कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात का। नीतीश राहुल से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे। नीतीश के साथ बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव भी थे। विपक्षी एकजुटता की मुहिम को साधने नीतीश इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने आरजेडी के मुखिया लालू यादव से मुलाकात की थी। आज उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की।
जैसे ही नीतीश राहुल के घर पहुंचे कांग्रेस नेता तुरंत घर के बाहर निकले। उन्होंने नीतीश का अभिवादन किया। इस दौरान नीतीश ने राहुल से पूछा कि आपने दाढ़ी क्यों बढ़ा ली है? इसपर राहुल ने मुस्कुराते हुए कुछ कहा। इसी दौरान जब दोनों नेता फोटो खिंचवा रहे थे तो तेजस्वी पीछे चले गए थे। राहुल ने पहले उनका हाथ खींचकर बीच में लाए और फिर उन्हें और अपने बगल में खड़ा किया। इसके बाद तीनों नेताओं ने फोटो खिंचवाया। इस दौरान नीतीश कुमार राहुल गांधी को देख रहे थे।
2024 आम चुनाव से पहले हो रही इस मुलाकात के बाद कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार UPA के संयोजक बनाए जा सकते हैं। इन नेताओं की मुलाकात देश की राजनीति के लिए अहम मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि आज विपक्षी एकता को लेकर कोई कदम उठाया जा सकता है। नीतीश कुमार पहले से भी विपक्षी एकता के समर्थक रहे हैं। वे पहले भी कांग्रेस को साथ ले चलने की बात कहते रहे हैं।
कुछ विपक्षी पार्टियां उनके इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं। राजद और कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि नीतीश UPA के कुनबे को बढ़ा सकते हैं। नीतीश कुमार विपक्षी दलों को कांग्रेस की अगुआई के लिए राजी कर सकते हैं। जहां तक PM पद की दावेदारी की बात है, नीतीश पहले ही कह चुके हैं कि वह प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नहीं हैं और जो भी फैसला होगा वह 2024 लोकसभा चुनाव के बाद नेता चुना जाएगा।