बरेली बारादरी थाना व भोजीपुरा थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। बरेली पुलिस ने अपहरण के एक संगीन मामले का पर्दाफाश करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जनपद बांदा से अपहृत हरीश कटियार को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान दो गाड़ियां, 10 मोबाइल फोन, अवैध असलहे , कारतूस और संदूक भी जब्त किया हैं।
दरअसल 19 जनवरी रविवार को थाना बारादरी में किरन कटियार ने अपने पति अनूप कटियार के अपहरण के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी। मामला को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने इसे चुनौती के रूप में लिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के नेतृत्व में पुलिस टीम ने पूरे मामले की गहन जांच शुरू की ओर 20 जनवरी को रात करीब 10:40 बजे भोजीपुरा क्षेत्र के मियांपुर गांव में एक घर पर दबिश देकर हरीश कटियार को बरामद किया गया।
अपहरणकर्ताओं ने हरीश कटियार को एक कमरे में बंद करके रखा था। इस दौरान उनकी निगरानी मकान मालिक उदित और उमाशंकर कर रहे थे। खाना खाने की आपूर्ति उदित की पत्नी लाली द्वारा की जा रही थी। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने अपहरण के एवज में फिरौती वसूलने की साजिश रची थी। हरीश की बरामदगी के बाद पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें बनाईं। रात करीब 11:00 बजे घुर समसपुर रोड पर पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की गाड़ियों को घेर लिया। खुद को फंसता देख आरोपियों ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में तीन अपहरणकर्ता अंकित उर्फ विनीत, शाहिद और वीरु उर्फ वीरपाल घायल हो गए। इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
मौके से टाटा जस्ट और मारुति ईको गाड़ियों के साथ-साथ तीन तमंचे, 315 बोर के कारतूस, और नौ मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने इस अपहरण की योजना काफी पहले बनाई थी।
मुख्य आरोपी अनूप कटियार ने अपने भाई हरीश कटियार से पहले भी पैसे उधार लिए थे और आर्थिक संकट में फंसे होने के कारण इस बार फिरौती के लिए उनका अपहरण किया था। अनूप ने बताया कि उसने अपने साथियों अंकित, शाहिद, खेमेंद्र, वीरु, रजत, और ललित के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। आरोपियों ने बताया कि वे पहले हरीश को चित्रकूट ले जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन हरीश के इनकार करने पर उन्होंने हरीश को उनके घर से अगवा कर लिया।
अनूप ने 16 जनवरी को अपने साथियों के साथ बांदा में योजना बनाई। वह खुद अपनी टाटा जस्ट गाड़ी से गया था, जबकि अन्य साथी एक ईको गाड़ी में गए। योजना के तहत हरीश को रात 1:30 बजे उनके घर से उठाया गया। अनूप कटियार और आरोपियों ने हरीश कटियार के साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे वे खुद भी अपहरण के शिकार हुए हैं।
अपहरण के बाद आरोपियों ने हरीश के खाते से पेट्रोल के लिए 7,500 रुपये ट्रांसफर कराए और उनका सोना भी छीन लिया। हरीश को मियांपुर गांव में उदित के घर में बंद कर दिया गया था। हरीश ने बताया कि अपहरण के दौरान उन्हें डराया-धमकाया गया और बार-बार स्थान बदला गया। उनके साथियों ने उन्हें पानी देने के बजाय शराब पिलाई ताकि वे नशे में रहें।
पुलिस ने मुखबिरों की सूचना और तकनीकी सहायता के आधार पर सटीक कार्रवाई की। पुलिस मुठभेड़ के चलते सभी आरोपी पकड़े गए।
पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई गाड़ियां, मोबाइल फोन, तमंचे, कारतूस , संदूक जिसमें हरीश को बंद करके रखते थे और अन्य सामान बरामद किया। आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमे दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अपह्रत हरीश कटियार ने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के प्रति आभार जाता है उसका कहना था कि उसकी जान पुलिस ने ही बचाई है।