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सतीश महाना के खिलाफ बीजेपी के दोनों सासंदों ने मोर्चा खोला

[Edited By: Rajendra]

Tuesday, 23rd May , 2023 02:08 pm

कानपुर में एक बार फिर से बीजेपी में गुटबाजी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। विधानसभा स्पीकर सतीश महाना से बीजेपी के दो सांसद नाराज बताए जा रहे हैं। जिसकी एक झलक सोमवार को महाना द्वारा बुलाई गई बैठक में भी देखने को मिली। सतीश महाना ने कानपुर शहर के समग्र विकास को लेकर एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी पहुंचे। लेकिन कानपुर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी और अकबरपुर से सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने इससे दूरी बनाए रखी।

विधानसभा स्पीकर सतीश महाना की बैठक की जो तस्वीर सामने आईं हैं। वो लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को परेशान करने वाली हैं। इस बैठक में कानपुर से सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया था, जिसमें शहर के सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी पहुंचे। मंडलायुक्त, डीएम, मेयर और बीजेपी के कई विधायक पहुंचे। दो घंटे तक शहर के विकास को लेकर मंथन भी चलता रहा लेकिन बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी और देवेंद्र सिंह भोले बैठक में शामिल नहीं हुए।

कानपुर बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विधनसभा अध्यक्ष सतीश महाना और कानपुर से बीजेपी के दोनों सांसद आमने सामने है। कानपुर बीजेपी में गुटबाजी चरम पर है। बीजेपी से सांसद सत्यदेव पचौरी और देवेंद्र भोले सतीश महाना से नाराज चल रहे है। आपको बता दे की कानपुर बीजेपी में सतीश महाना को लेकर काफी नाराजगी है। इसके चलते आज फिर हुई समीक्षा बैठक में सांसदों को न्योता नहीं दिया गया।

कानपुर और अकबरपुर के सांसद क्रमशः सत्यदेव पचौरी और देवेंद्र भोले को इस समीक्षा बैठक में नहीं बुलाया। सतीश महाना ने आज कानपुर में समीक्षा बैठक बुलाई थी। जिसमें कमिश्नर, पुलिस से लेकर सभी विभागों की समीक्षा होनी हुई। लेकिन इस समीक्षा बैठक से दोनों सांसद नदारद रहे।कहा जा रहा की दोनों सांसदों को इस समीक्षा बैठक में बुलाया ही नहीं गया। सतीश महाना की मनमानी को लेकर सांसदों ने मोर्चा खोल दिया है। सूत्रों की माने तो प्रशासन और पुलिस भी सिर्फ महाना की सुनती है।पचौरी और भोले इस बात को लेकर सतीश महाना से काफी नाराज बताए जा रहे है। ये दूसरी समीक्षा बैठक जिसमें दोनों सांसदों को न्योता नहीं दिया गया। अब ये देखना दिलचस्प होगा की कानपुर बीजेपी में मची इस उठापठक से बीजेपी कैसे निपटेगी, लेकिन बीजेपी की ये गुटबाजी सबके सामने खुलकर आ गई है।

सतीश महाना के खिलाफ बीजेपी के दोनों सासंदों ने मोर्चा खोल दिया है। पहले चर्चा थी कि दोनों सांसद इस बैठक में शामिल होकर पार्टी में एकजुटता दिखाएंगें, लेकिन ऐसे नहीं हुआ। बैठक से दूरी बनाकर उन्होंने अपना नाराजगी को साफ कर दिया। महाना के अधिकारों को लेकर बीजेपी को दोनों सांसदों के तेवर तल्ख हैं। बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले का तो साफ कहना है कि महाना को ऐसी बैठक बुलाने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने कहा "कानपुर के विकास पर चिंता तो होनी चाहिए लेकिन विधानसभा स्पीकर का पद राजनीति से परे होता है। राजनैतिक तौर पर इवेंट पैदा करने के लिए अगर वो बैठक करते हैं और ये कहकर कि निमंत्रण और सूचना दी गई जो कि वास्तव में नहीं दी गई। इस पर उन्हें विचार करना चाहिए। वैसे वो बैठक लेने के हकदार भी नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ सतीश महाना ने कहा कि "अगर मैं किसी को निमंत्रण नहीं देता हूं तो ये सांसदों या विधायकों की बैठक नहीं है। विकास का मामला है। मैं बैठक करता हूं उसकी सूचना सबके पास जाती है।" दरअसल कानपुर में सतीश महाना और बीजेपी सांसदों के झगड़े की कहानी नई नहीं है। निकाय चुनाव के बाद ये तल्खी और भी ज्यादा बढ़ गई है। कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे सतीश महाना गुट की मानी जाती है। बीजेपी ने उन्होंने दोबारा टिकट दिया और वो चुनाव भी जीत गईं। जबकि सत्यदेव पचौरी उन्होंने दोबारा टिकट देने पर नाराज थे।

कानपुर बीजेपी में झगड़े की ये कहानी पिछले साल भी नजर आई थी जब सतीश महाना ने 18 नवंबर को भी विकास कार्यों को लेकर बैठक बुलाई थी। तब सत्यदेव पचौरी ने नाराज होकर मंडलायुक्त को चिट्ठी लिख दी थी। दावा किया कि विकास पर बैठक बुलाने का अधिकारी उनका नहीं है। पचौरी के इस पत्र का देवेंद्र सिंह भोले ने भी समर्थन किया था।

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